एक देश समान शिक्षा अभियान की अनोखी कोशिश
वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विभिन्न राजनीतिक दलों को राजधानी लखनऊ में सौंपा ज्ञापन। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि को करें अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल,
एक देश समान शिक्षा अभियान की अनोखी कोशिश दूसरे दिन भी जारी,
लखनऊ : एक देश समान शिक्षा अभियान से जुड़े वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उक्त अभियान के दूसरे दिन शनिवार को लखनऊ में लगभग एक दर्जन से अधिक राजनैतिक दलों के कार्यालय में पहुंच कर उनके प्रतिनिधियों के माध्यम से केन्द्रीय नेतृत्व को 22 सूत्रीय ज्ञापन सौपा जिसके माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, खेती किसानी आदि मुद्दों पर जनभावना का सम्मान करते हुए अपनी नीति को घोषणापत्र में शामिल करने का अनुरोध किया गया। अभियान के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया कि आजादी का पचहत्तर वां वर्ष चल रहा है, हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, पूर्वजों और हजारों शहीदों ने जिस आजाद भारत और स्वशासन की कल्पना की थी उसमे सभी भारतवासियों के लिए न्याय, समानता, बंधुत्व और व्यक्ति की स्वतंत्रता पर आधारित वैज्ञानिक सोच वाले एक समृद्ध, सुखी और स्वावलंबी समाज की परिकल्पना थी।
आम जन के वोट से लगातार सरकारें बनती
लम्बे संघर्ष के फलस्वरूप मिली आजादी के बाद हासिल हुए लोकतंत्र में आम जन के वोट से लगातार सरकारें बनती रही और 5 साल तक चलती भी रही। चुने जाने के बाद आमजन की मूलभूत आवश्यकताओं और समस्याओं के प्रति हमारे जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही कितनी होती है इस पर कुछ कहने की जरूरत नही है। सभी के लिए उच्चस्तरीय शिक्षा, सुलभ स्वास्थ्य सेवा, सम्मानजनक रोजगार (आजीविका) के अवसर और खेती किसानी के परेशानियों का मौलिक सवाल प्रायः अनुत्तरित रह जाता है। ऐसे में आम व्यक्ति अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं परिवारजनों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा दिला पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है, युवा वर्ग चाहे वह गांव का हो या शहर का आज रोजगार और आजीविका के अवसर खोजने के लिए भटकने को मजबूर है. सार्वजनिक क्षेत्र में आउट सोर्सिंग, संविदा प्रणाली और सेवा प्रदाता कम्पनियों द्वारा ठेकेदारी पर काम लेने के बढ़ते चलन से पढ़े लिखे युवकों का शोषण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। खेती किसानी और स्वरोजगार में भी जोखिम दिनों दिन बढ़ रहा है। ऐसे में राजनैतिक दलों को जवाबदेही लेनी पड़ेगी।
चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें
एक देश समान शिक्षा अभियान के संयोजक दीन दयाल सिंह ने कहा कि गत दिनों “जन अधिकार चेतना यात्रा” का आयोजन कर पूर्वांचल के 10 जिलों में लगभग 850 किलोमीटर मार्ग पर गांवों, चौराहों आदि जगहों पर लोगों से संवाद किया गया था। इस क्रम में जनता से हित से जुड़े शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और खेती किसानी के कुछ मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा हुयी। इस ज्ञापन के माध्यम से हम कुछ बिंदुओं पर अपने सुझाव विभिन्न राजनैतिक दलों को इस अपेक्षा से प्रेषित किया जा रहा है कि वे इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें। इस क्रम में अपना दल, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, अपना दल (एस), राष्ट्रीय जनता दल, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), लोकदल, राष्ट्रीय लोकदल, जनता दल यूनाइटेड, आम आदमी पार्टी आदि को ज्ञापन दिया गया। अभियान में राजकुमार गुप्ता, महेंद्र कुमार राठौर, दीन दयाल सिंह, उषा विश्वकर्मा, राजकुमार पटेल, पूजा विश्वकर्मा आदि की प्रमुख भूमिका रही।
Comments
Post a Comment