वसई-विरार में धड़ल्ले से बिना मान्यता और नियमों के संचालित हो रहे हैं कई स्कूल....
वसई-विरार में धड़ल्ले से बिना मान्यता और नियमों के संचालित हो रहे हैं कई स्कूल....
लालप्रताप सिंह ( कार्यकारी संपादक : सा. यशोमणि)
वसई-विरार में अवैध स्कूलों की भरमार है। जहाँ पर बिना मान्यता और नियमों के कई स्कूल संचालित हो रहे हैं, जो शिक्षा की गुणवत्ता, सुरक्षा और बच्चों के भविष्य को खतरे में डालते हैं। हालांकि, वसई विरार शहर मनपा और शिक्षा विभाग इन पर कार्रवाई के दावे तो करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में अवैध स्कूलों की संख्या काफी ज़्यादा है और वे स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय नेताओं के संरक्षण में धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिससे अभिभावकों और अधिकारियों के बीच चिंता है। वसई विरार में आज भी तकरीबन 500 से अधिक अवैध स्कूल गली गली में संचालित हो रहे हैं जिसपर अंकुश लगाने में प्रशासन नाकाम है। पिछले कुछ वर्ष पहले कुछ अवैध स्कूलों पर अभिभावकों को आगाह करने के लिए वसई विरार शहर मनपा द्वारा एक फलक लगाया गया था जिसपर साफ़ शब्दों में अंकित था कि "यह स्कूल अवैध है" किंतु स्कूल प्रशासन द्वारा उक्त फलक को महीने दो महीने बाद ही गायब कर दिया गया। आए दिन शहर में अवैध स्कूलों में घटित घटनाएं प्रकाश में आती है किंतु उसके बावजूद शिक्षा विभाग मौन धारण किए रहता है। शिक्षा विभाग का मौन धारण करना ही तमाम समस्याओं को जन्म देता है. जिसपर गहन विचार करना अति आवश्यक है. जिससे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो।
अवैध स्कूलों की मुख्य समस्याएँ:
मान्यता का अभाव: ये स्कूल शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त नहीं होते, जिससे बच्चों की डिग्री का कोई मूल्य नहीं होता।
खराब इंफ्रास्ट्रक्चर: सुरक्षित और उचित कक्षाओं, शौचालयों और खेल के मैदानों जैसी सुविधाओं की कमी होती है।
अयोग्य शिक्षक: कई बार ऐसे स्कूलों में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षक नहीं होते।
असुरक्षित माहौल: बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से खिलवाड़ होता है।
नियमों का उल्लंघन: फीस, पाठ्यक्रम और अन्य नियमों का पालन नहीं किया जाता।
अवैध स्कूल क्यों पनपते हैं?
अभिभावकों की मजबूरी: कई गरीब अभिभावकों के लिए सरकारी स्कूलों में जगह न मिलना या निजी स्कूलों की फीस ज़्यादा होना।
स्थानीय मिलीभगत: कुछ स्थानीय अधिकारियों और शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से ये स्कूल चलते रहते हैं।
जागरूकता की कमी: कई अभिभावकों को यह जानकारी नहीं होती कि स्कूल अवैध है।
क्या हो रहा है?
शिक्षा विभाग और वसई-विरार शहर मनपा समय-समय पर छापेमारी और कार्रवाई का दावा करते हैं। किंतु वह महज दिखावा होता है।
कई स्कूलों को यदि बंद भी कराया गया तो वे फिर से नए नाम से खुल जाते हैं।
क्या किया जाना चाहिए?
अभिभावकों को जागरूक करना और मान्यता प्राप्त स्कूलों की जानकारी देना।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा सख्त निगरानी और कार्रवाई करना।
शिक्षा विभाग में पारदर्शिता लाना और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करना।
वसई-विरार में अवैध स्कूलों की भरमार एक गंभीर समस्या है जिस पर लगातार ध्यान और ठोस कार्रवाई की ज़रूरत है ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

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