मराठी भाषा का सम्मान लेकिन हिंदीभाषियों का अपमान क्यों...?? - सुरेंद्र कुमार मिश्र

मराठी भाषा का सम्मान लेकिन हिंदीभाषियों का अपमान क्यों...?? -  सुरेंद्र कुमार मिश्र

नालासोपारा :  नालासोपारा पूर्व राघवेंद्र सेवा मंच प्रमुख व राघवेंद्र भूमि के संपादक सुरेन्द्र कुमार मिश्र ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषाई विवाद पर अपने एक वक्तब्य में कहा कि हम महाराष्ट्र में रहते है. महाराष्ट्र के हर उस परंपरा, संस्कृति का हम सम्मान करते है जो महाराष्ट्र के भूमि पुत्र करते है। और मराठी भाषा भी बोलते है और जिनको नही आता है उनको कहा जायेगा कि सीखने का प्रयाश करो, लेकिन किसी का अपमान करके थप्पङ मार मराठी भाषा कैसे सिखाया जा सकता है. यह सीधा सीधा गुंडागर्दी है जो जायज किसी भी कीमत पर ठहराया नही जा सकता और न ही संविधान इसकी इजाजत देता है.महाराष्ट्र में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या फिर भाजपा की सरकार रही हो लेकिन जब जब मराठी बनाम हिंदी भाषियों का मुद्दा उठा है तब तब ठाकरे बंधुओं के आगे सरकार बेदम दिखी है। सुरेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि महाराष्ट्र में राजीतिक दलों में उत्तरभारतीय संगठन बनाकर अपने अपने दलों के लिए काम करने वाले उत्तरभारतीय नेता भी चुप हो जाते है कि हो सकता है जो पद मिला है वह भी न चला जाय. वे इस वजह से चुप रहते है. अब सवाल उठता है जब राजनीतिक दल हिंदीभाषियों को संरक्षण नही दे पाएंगे.  तो किस मुंह से चुनाव में वोट माँगने आएंगे..?? यह बात समस्त हिंदी भाषियों को समझना होगा रोज संविधान की दुहाई देने वाले भी इस मुद्दे पर सो जाते है. यह दोहरा चरित्र कब तक चलेगा..?? मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से तथा महाराष्ट्र विधानसभा में चुनकर गए हिंदी भाषी नेताओं से यह माँग करता हूं की इस भाषावाद के विवाद को रोका जाय ताकि कड़ी मेहनत मजदूरी कर अपनी जीविका चलानेवाले हिंदी भाषी सुकून से अपने परिवार में रह सके। 

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