पालघर को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए जनजागृति ज़रूरी : जिल्हाधिकारी डॉ. इंदु राणी जाखड
पालघर को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए जनजागृति ज़रूरी : जिल्हाधिकारी डॉ. इंदु राणी जाखड
पालघर : पालघर जिले में बाल श्रम प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने और जिले को ‘बाल श्रम मुक्त' घोषित करने की दिशा में प्रशासन ने कमर कस ली है। जिल्हाधिकारी डॉ. इंदु राणी जाखड ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे इस लक्ष्य के लिए व्यापक जनजागृति करें और ज़रूरत पड़ने पर निजी संस्थानों पर छापेमारी भी की जाए। यह निर्देश मंगलवार को जिल्हाधिकारी कार्यालय में आयोजित जिल्हास्तरीय अंमलबजावणी समिती की बैठक के दौरान दिए गए। बैठक की अध्यक्षता स्वयं जिल्हाधिकारी डॉ. जाखड ने की। इस मौके पर निवासी उपजिल्हाधिकारी सुभाष भागडे, कामगार उप आयुक्त विजय चौधरी, तथा अन्य समिति सदस्य उपस्थित थे। बैठक में बाल कामगार कृती दल, वेठबिगार दक्षता समिति, प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना, लघु व्यापारी राष्ट्रीय पेंशन योजना, ई-श्रम पोर्टल, और असंगठित श्रमिक कल्याण से जुड़ी विभिन्न समितियों के कार्यों की समीक्षा की गई। जिल्हाधिकारी ने कहा कि पालघर जिले में पाए गए या मूल रूप से पालघर के रहने वाले वेठबिगार (बंधुआ मजदूर) परिवारों को तात्कालिक आर्थिक सहायता और पुनर्वास की सुविधा दी जाए। साथ ही, जिले के ज्यादा से ज्यादा असंगठित श्रमिकों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने पर भी ज़ोर दिया गया। डॉ. जाखड ने स्पष्ट रूप से कहा कि बाल श्रम प्रथा पर रोक लगाने के लिए शासकीय विभागों, स्कूलों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक समाज के सभी घटक शिक्षक, पालक, प्रशासन और एनजीओ एकजुट होकर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त नहीं किया जा सकता। डॉ. इंदु राणी जाखड ने कहा कि जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने का सपना तभी साकार होगा, जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और जागरूक होकर आवाज़ उठाए।
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