वन विभाग के भूखंड को कौड़ी के दाम में बेचने में लगे है वन अधिकारी, वन अधिकारियों पर नहीं है कोई लगाम...
वन विभाग के भूखंड को कौड़ी के दाम में बेचने में लगे है वन अधिकारी, वन अधिकारियों पर नहीं है कोई लगाम...
वन अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार कर बिंदास अवैध निर्माणों को दी जा रही है हरी झंडी...
विरार : विरार पूर्व स्थित मांडवी वन परिक्षेत्र अंतर्गत वसई पूर्व स्थित सर्वे नं.(196)(207),गांव मौजे राजवली, विकास सिटी गौशाला के पास कानून कायदों व नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भ्रष्टाचार के बलबूते पर्यावरण का विनाश करते हुए अवैध नव निर्माणों को अंजाम दे दिया गया किंतु वन रक्षक अंकुश भोंसले व पद्माकर केन्द्रे की क्या मजाल कि कार्रवाई कर सके..?? जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि अब वन रक्षक ही चंद पैसों की लालच में वन भक्षक बन गए है..?? इन्हें वन की रक्षा करने के लिए ड्यूटी पर तैनात किया गया है किंतु ये अपने ड्यूटी से गद्दारी करते हुए वन्जीवों के प्राण के दुश्मन बने हुए हैं अथवा अवैध निर्माणकर्ताओं से मिलीभगत करते हुए जमकर पर्यावरण का सर्वनाश कर रहे हैं..?? देखना होगा कि क्या वन रक्षक महोदय अपनी ड्यूटी से वफादारी निभाते हुए तत्काल प्रभाव से उक्त अनधिकृत नव निर्माणों को धाराशाई करते हुए सबंधित अवैध निर्माणकर्ताओं पर कानूनी कार्रवाई करेंगे या फिर अपने ड्यूटी से करेंगे गद्दारी..?? जैसे कि अभी हाल ही में वन परिक्षेत्र अधिकारी संदीप चौरे ने किया था और उन्हें अपनी ड्यूटी गंवानी पड़ी..?? वैसे भी वन्य जीवों की हत्या हो या पर्यावरण का सर्वनाश हो, वन अधिकारियों और भूमाफियाओं / अवैध निर्माणकर्ताओं का क्या जाता है इन्हें तो सिर्फ अपनी झोली भरकर नौ दो ग्यारह हो जाना हैं. फर्क तो आम जनमानस को पड़ता है जो इनके झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गवांकर जिंदगी भर पछताते है।
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