वसई विरार शहर मनपा के प्रभारी आयुक्त रमेश मनाले को सोशल मीडिया पर बदनाम करने की साजिश, अज्ञात पर मामला दर्ज
वसई विरार शहर मनपा के प्रभारी आयुक्त रमेश मनाले को सोशल मीडिया पर बदनाम करने की साजिश, अज्ञात पर मामला दर्ज
विरार : वसई विरार शहर मनपा के प्रभारी आयुक्त रमेश मनाले को सोशल मीडिया पर बदनाम करने का मामला प्रकाश में आया है और उनकी पत्नी के संबंध में भी आपत्तिजनक संदेश भेजे गए हैं। इस संबंध में बोलिंज पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.रमेश मनाले वसई विरार शहर मनपा के अति.आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं फिलहाल मौजूदा समय में आयुक्त अनिल कुमार पवार के छुट्टी पर जाने के चलते प्रभारी आयुक्त के पदभार पर कार्यरत हैं। अभी हाल ही में मनाले द्वारा वसई विरार शहर में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया गया था। जिससे झुब्ध होकर भूमाफिया / अवैध निर्माणकर्ता द्वारा मनाले को धमकी भी दी गई थी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक हाल ही में अज्ञात व्यक्ति द्वारा मनाले की तस्वीर से छेड़छाड़ कर वह तस्वीर एक अश्लील वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई.।एक महिला का फर्जी फेसबुक आइडी भी विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों पर प्रसारित किया गया.जिसके बाद अज्ञात व्यक्ति ने मनाले को एक अश्लील संदेश भेजकर धमकी भी दी। दिलचस्प बात यह है कि आरोपितों ने मनाले के पैतृक गांव लातूर के व्हाट्सएप ग्रुप पर इन अपमानजनक संदेशों को प्रसारित करके परेशान करने की कोशिश की है। यह पूरा वाकया नवंबर माह से ही चल रहा था. आख़िरकार, रमेश मनाले ने अज्ञात व्यक्ति और फेसबुक प्रोफाइलर के खिलाफ बोलिंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के आधार पर बोलिंज पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 351 (2), 356 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (सी) और 67 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि वसई विरार शहर में यह पहला मामला नहीं है जब किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी आइडी के माध्यम से किसी को भी निशाना बनाकर उन्हें सोशल मीडिया के जरिए बदनाम किया जाता हो, इससे पूर्व फरवरी २०२४ अथवा अगस्त २०२४ में भी दो पत्रकारों को भी निशाना बनाकर सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर वायरल किया गया था। फिलहाल मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस के आयुक्त मधुकर पांडे को उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए इस प्रकार के कुकृत्य करनेवालों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे इनके इस कुकृत्य को बल न मिले अथवा अकारण ही कोई मानसिक रूप से प्रताड़ित न हो।
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