वीवीएमसी की तोडू कार्रवाई दिखावटी, लाखों स्क्वायर फीट अवैध निर्माणों को किया जा रहा नजर अंदाज
वीवीएमसी की तोडू कार्रवाई दिखावटी, लाखों स्क्वायर फीट अवैध निर्माणों को किया जा रहा नजर अंदाज
वसई ( लालप्रताप सिंह ) : वसई विरार शहर मनपा प्रभाग समिति जी कार्यक्षेत्र में दिनांक 12/12/2024 को मनपा आयुक्त एवं अति.आयुक्त (दक्षिण) संजय हेरवाडे व उपायुक्त अजीत मुठे (अतिक्रमण विभाग) के आदेशानुसार ग्राम मौजे बापाने सर्वे क्रमांक 42, 43/ 03 में लगभग 15000 वर्गफुट अनधिकृत औद्योगिक गालों पर तोडू कार्रवाई की गई। वहीं ग्राम मौजे बापाने स्थित शिव साईं होटल के पास 02 अनधिकृत औद्योगिक गाले लगभग 2000 वर्गफीट को भी ध्वस्त किया गया। तत्पश्चात चिंचोटी सर्वे नंबर 33 कुरैशी कंपाउंड के पास चिंचोटी नदी में किए गए मिट्टी भराव और पत्थर के प्लिंथ को भी हटाया गया। इस पूरे अभियान में कुल 17,000 वर्ग फुट.अनधिकृत निर्माण कार्य को ध्वस्त किया गया। जिसमें प्रभाग समिति जी की सह आयुक्ता नीता कोरे, अभियंता कौस्तुभ तामोरे, विवेक घुटू, जितेश पाटिल (सी. इंजीनियर) श्रमिक कर्मचारी और महाराष्ट्र सुरक्षा बल (एमएसएफ) भी उपस्थित थे।
बता दें कि वसई विरार शहर मनपा प्रभाग समिति जी कार्यक्षेत्र में लाखों स्क्वायर फीट में अनधिकृत निर्माणकार्य जारी है ऐसे में मनपा के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जहां तहां छिटपुट कार्रवाई कर वाहवाही लूटने का कार्य किया जा रहा है। मनपा अधिकारी तो छिटपुट कार्रवाई कर कार्रवाई करने का दिखावा कर रहे हैं. क्या इस दिखावटी कार्रवाई के लिए दिन भर इस्तेमाल होनेवाले मशीनरों के खर्च का भुगतान संबंधित अवैध निर्माणकर्ताओं से लिया जा रहा है..?? या फिर आम जनमानस द्वारा दिए जा रहे टैक्स से..?? कुल मिलाकर देखा जाए तो छिटपुट कार्रवाई से सिर्फ पैसों का व्यय हो रहा है। ऐसे में मनपा अधिकारियों द्वारा छिटपुट कार्रवाई करने के बजाय बड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे पैसों का व्यय भी न हो, और मनपा के प्रति लोगों का विश्वास भी बना रहे। स्थानिकों का आरोप है कि मनपा अधिकारियों को जहां नजराना नहीं मिलता वहीं पर तोड़क कार्रवाई की जाती है और जहां नजराना मिला होता है वहां तमाम शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। फिलहाल यह तथ्य सत्य होते भी दिखाई दे रहा है.प्रभाग समिति जी कार्यक्षेत्र सातिवली स्थित साईं रेसीडेंसी होटल के पीछे आरक्षित कई एकड़ भूखंड पर अवैध अतिक्रमण जारी है. जिसकी मनपा कार्यालय में तमाम शिकायतें भी हुई हैं, अथवा सोशल मीडिया पर सुर्खियां भी बटोर रही हैं.किंतु मनपा अधिकारियों द्वारा उसे नजर अंदाज किया जा रहा है। इसीप्रकार से चिंचोटी स्थित सर्वे नं.३९ में तालाब को अवैध रूप से भरनी कर बिंदास अतिक्रमण किया जा रहा हैं,किंतु मनपा अधिकारी मानों कुंभकर्णी नींद में हैं..कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे बैठे हैं। ऐसे ही सर्वे नं. ४०, गांव मौजे बपाणे, झंडा कंपाऊंड में बिंदास कई हजार स्क्वायर फीट में अतिक्रमण जारी है। अथवा नायगांव पूर्व जुचंद्र स्थित सर्वे नं.२० में स्कूल के लिए आरक्षित भूखंड को अवैध निर्माणकर्ता हेमंत वर्मा द्वारा लील लिया जा रहा है किंतु मनपा के जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार की मलाई चाटकर अनदेखी कर रहे हैं। जबकि मौजूदा समय में नालासोपारा क्षेत्र में आरक्षित भूखंड पर बने ४१ अवैध बिल्डिंग का मामला तुल पकड़ा हुआ है बावजूद मनपा अधिकारी आरक्षित भूखंडों को अतिक्रमण मुक्त कराने के बजाय अतिक्रमण युक्त करने में अवैध निर्माणकर्ताओं / भूमाफियाओं का भरपूर सहयोग करने में जुटे हुए हैं। फिलहाल देखना होगा कि क्षेत्र में जारी लाखों स्क्वायर फीट अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश मनपा आयुक्त व अति.आयुक्त अपने अधीनस्थ अधिकारियों को कब देते हैं..??
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