प्र. सह आयुक्त मोहन संखे के कथनी और करनी में है अंतर....
प्र.सह आयुक्त मोहन संखे के कथनी और करनी में है अंतर....
विशेष नियोजन प्राधिकरण क्षेत्र में हो रहे अवैध नवनिर्माणों पर कार्यवाई के बजाय किया जा रहा नजर अंदाज...
विरार : वसई विरार शहर मनपा में प्र. सह आयुक्त मोहन संखे विशेष नियोजन प्राधिकरण की जिम्मेदारी संभालते ही मानो चुप्पी साध लिए है। विशेष नियोजन प्राधिकरण अंतर्गत क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय अवैध निर्माणकर्ताओं द्वारा अवैध नवनिर्माणों को अंजाम दिया जा रहा है। किंतु मनपा के सिंघम अधिकारी माने जानेवाले प्र. सह आयुक्त उक्त अवैध नवनिर्माणों को धाराशायी करने में विफल होते नजर आ रहे हैं। जो कि संशय उतपन्न करता है कि आखिर मोहन संखे क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों को नजर अंदाज क्यों कर रहे हैं..,क्या उन्हें किसी उच्च अधिकारी का दबाव है या फिर अवैध निर्माणकर्ता का भय..??या फिर मनपा में आसीन कुछ भ्र्ष्ट अधिकारियों के पदचिन्ह पर चलना आरंभ कर दिए हैं..??सूत्रों की माने तो अब इनके द्वारा शिकायतकर्ताओं को मैनेज होने की सलाह दी जाती है..??आखिर क्यों..??बता दें कि विरार फाटा के पास काठियावाड़ी होटल के पीछे, नॉवेल्टी होटल के सामने खैरपाड़ा टोकरे गांव में कानून कायदों व नियमों की अनदेखी करते हुए अथवा पर्यावरण का विनाश करते हुए लगभग 20000 स्क्वॉयर फ़ीट में अवैध नवनिर्माणों को अंजाम दे दिया गया। जिसकी शिकायत मनपा में भी की जा रही है..,फिलहाल उक्त क्षेत्र विशेष नियोजन प्राधिकरण के अधीनस्थ है जिसके चलते प्र. सह आयुक्त मोहन संखे की जवाबदेही होती है कि वे क्षेत्र में हुए अवैध निर्माणों को ध्वस्त करें व सबंधित अवैध निर्माणकर्ताओं पर कानूनी प्रक्रिया के तहत मामला दर्ज कराए..??किंतु इनके द्वारा ऐसा न कर शिकायतकर्ता को मैनेज होने की सलाह दी जा रही है..?? जिससे यह संशय उतपन्न होना स्वभाविक है कि इनके द्वारा बड़े पैमाने पर भ्र्ष्टाचार की मलाई चाट ली गई है, जिसके चलते इनके द्वारा कार्यवाई से मुख मोडा जा रहा हैं..??अथवा जिम्मेदार पद पर रहते हुए शिकायतकर्ताओं को मैनेज कराने का कार्य किया जा रहा है..?? फिलहाल देखना यह होगा कि क्षेत्र में हुए अवैध नवनिर्माणों को इनके द्वारा आखिर कब धाराशायी किया जाता है..?? अथवा सबंधित अवैध निर्माणकर्ता पर कब कानूनी कार्यवाई की जाती है..??
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