दहशतगर्दों द्वारा चौथे स्तंभ पर किया जा रहा है कुठाराघात....

दहशतगर्दों द्वारा चौथे स्तंभ पर किया जा रहा है कुठाराघात....

लालप्रताप सिंह ( कार्यकारी संपादक )

पालघर जिला के वसई विरार शहर में दहशतगर्दों के दहशत से सहमा है देश का चौथा स्तंभ कहा जानेवाला पत्रकार..!! क्षेत्र में आए दिन निर्भीक निष्पक्ष पत्रकारों के खिलाफ तमाम साजिशें रची जा रही है..,पत्रकारों पर हमले किए जा रहे हैं। निर्भीक निष्पक्ष पत्रकारों द्वारा समाजहित में दिखाई जा रही खबरें क्षेत्रीय माफियाओं को नागवार गुजर रही है..जिसके चलते इनके द्वारा तमाम तरह से कलम को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया तो जाता है कि इनके इन करतूतों में प्रशासनिक अधिकारियों की भी अहम भूमिका है..?? जब माफियाओं की काली करतूतों को उजागर करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाई के लिए जोर डाला जाता है तो ये ही माफियाओं को पत्रकारों के कलम को तोड़ने का सलाह देते हैं..??क्योंकि ये जो भ्र्ष्टाचार के वशीभूत हो चुके हैं..?? हम बात करें तो शायद गलत होगा क्योंकि वसई विरार शहर में वर्षों से पत्रकारों का शोषण हो रहा है, पत्रकारों पर आए दिन हमले हो रहे हैं और तो और पत्रकारों पर फर्जी मामले में फंसाने की साजिश भी हो रही है,जिसका कारण पत्रकारों में एकता न होना सबसे अहम है। कोई भूमाफियाओं / अवैध निर्माणकर्ताओं की तरफदारी कर रहा है तो कोई अवैध निर्माणकर्ताओं के साथ मिलकर साजिश रचने में उसकी सहायता करते हुए उसे खुश रखने का फर्ज अदा कर रहा हैं..?? तो कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में आकर हाथ मिला लेने व चाय पी लेने से अपने आप को पावरफुल समझ रहे हैं..?? तो उसी में कुछ लोग क्षेत्रीय नेताओं के गुणगान करते हुए उन्हें खुश रखने का कार्य कर रहे हैं..। तो वहीं इन सभी से आगे कुछ आपराधिक प्रवृत्त के भ्रष्टाचारी भी पैसे के बदौलत प्रेस कार्ड धारक बन गए हैं जो कि प्रेस कार्ड के बलबूते प्रशासनिक अधिकारियों व क्षेत्रवासियों पर अपनी दबंगई दिखाते हैं..?? वहीं कुछ पत्रकार निर्भीक निडर होकर निष्पक्ष खबरों को दिखाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाल सही और सटीक खबरें अपने दर्शकों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं तथा शासन प्रशासन से जुड़े लोगों को आगाह करते हैं कि वह अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपराध व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए तत्परता के साथ अपने ड्यूटी का निर्वहन करें। अब सीधी सी बात है की जब किसी भूमाफिया / अवैध निर्माणकर्ता की खबर कोई निर्भीक पत्रकार कवर करता है तो वह अपने चहेते पत्रकार से संपर्क करता है और उसे सारी वृत्तांत बताता है तो वही चहेता पत्रकार भूमाफिया / अवैध निर्माणकर्ता को सलाह देता है कि उसकी धुनाई कर दो..?? फिर साजिशों का दौर शुरू होता है और निर्भीक पत्रकार को पीटने से लेकर फर्जी मामले में फंसाने तक कि साजिश रच दी जाती है और उसे अंजाम तक भी पहुंचा दिया जाता है..?? ऐसे में निर्भीक निष्पक्ष पत्रकारों पर हो रहा हमला व रची जा रही साजिश कहीं ना कहीं चिंता का विषय बनता जा रहा है। इन सभी तथ्यों के मद्देनजर शासन प्रशासन को कुंभकर्णी नींद से उठकर मुस्तैद होने की आवश्यकता है अथवा समाज में खतरा पैदा करनेवाले असामाजिक तत्वों की जांच करते हुए इनपर नकेल कसना नितांत आवश्यक है और देश व समाज के लिए जो पत्रकार अपना पत्रकारिता धर्म निभाते हुए अपनी जान को जोखिम में डालते हुए खबर को कवर रहे हैं उन्हें आपसी मतभेदों व मनमुटाव को किनारे करते हुए क्षेत्र में दहशतगर्दों के दहशत को खत्म करने के लिए एकजुट होकर प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाते हुए कार्यवाई कराने की आवश्यकता है। जिससे क्षेत्रवासी दहशतगर्दों के दहशत से मुक्त हो सकें। यदि ऐसा नही किया गया तो आने वाले समय में इसका परिमाण बड़ा भयावह होगा,बारी बारी से वसई विरार शहर में जितने भी निर्भीक निष्पक्ष लिखने वाले, कड़वा सवाल करने वाले, सच को दिखाने वाले , आम जनमानस के हित मे देश को सर्वोपरि मानकर पत्रकारिता करने वाले पत्रकार हैं उनके ऊपर हमला भी होगा..,फर्जी मामले भी दर्ज होंगे और तो और जांच का हवाला देकर निर्भीक निष्पक्ष पत्रकारों को पत्रकारिता जगत से उखाड़ कर दूर फेंकने की साजिश भी रची जाएगी। जिससे देश का चौथा स्तंभ कमजोर होगा आम जनमानस के साथ मनमानी होगी, अपराध भ्रष्टाचार का ग्राफ  बढ़ेगा और कोई पत्रकार चाह कर भी सच नहीं दिखा पाएगा..?? जिससे आने वाले समय में शहर का समूल विनाश भी हो सकता है..?? जिसका खामियाजा शहर के प्रत्येक नागरिक को भुगतना पड़ेगा। जिसके लिए लोगों को सजग होने की आवश्यकता है। 

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