वसई विरार शहर मनपा के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर विकास कार्यों के नाम पर करदाताओं का लूट रहे हैं पैसा - शशिकांत दुबे

वसई विरार शहर मनपा के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर विकास कार्यों के नाम पर करदाताओं का लूट रहे हैं पैसा - शशिकांत दुबे

वसई : वसई विरार शहर महानगरपालिका स्थापना से ही भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा चर्चा में रही है, यही कारण है कि, सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म से लेकर विभिन्न अखबारों की सुर्खियों बनी रहती है। इससे साफ जाहिर होता है कि, मनपा सिर्फ विकास कामों के नाम पर करदाताओं के पैसे को बर्बाद कर रही है। हाल ही में विकास के नाम पर सौंदर्याकरण से लेकर सड़क दुरुस्तीकरण व गटर तक कार्य किए जा रहे हैं। ऐसे में इन कार्यों के लिए मनपा लाखों रुपये से लेकर करोड़ों रुपये के टेंडर निकाल रही है। इसी बीच करोड़ों रूपये के निकाले गए टेंडर (निविदा) रोड डिवाइडर के कार्य को लेकर भाजपा वसई विरार जिला सचिव शशिकांत दुबे ने वसई विरार शहर महानगरपालिका आयुक्त समेत कई अधिकारियों को लिखित पत्र देकर अवगत कराया है। पत्र में शशिकांत दुबे ने कहा है कि, वसई विरार शहर महानगरपालिका की वार्ड समिति 'एच' में माणिकपुर नाका से मैकडोनाल्ड भाबोला तक रोड डिवाइडर के निर्माण के लिए 11 नवंबर 2022 को 1,91,13,435 रुपये की निविदा जारी की गई है।

उन्होंने पत्र में कहा कि उक्त स्थान पर डिवाइडर पहले से ही विद्यमान था, इसके अलावा डिवाइडर में सजावटी पेड़ पहले से ही मौजूद हैं। विविसीएमसी डिवाइडर में लगे हुए पौधे के रखरखाव के लिए लाखों रुपये खर्च करता है। अब ठेकेदार नया डिवाइडर बनाने के लिए इन पौधे को नष्ट कर रहा है, डिवाइडर बनाने के बाद इस डिवाइडर में सजावटी पेड़ फिर से लगाने के लिए विविसीएमसी लाखों रुपये खर्च करेगा। दुबे ने कहा कि, सार्वजनिक बांधकाम विभाग के अधिकारी ने अपने और ठेकेदार के फायदे के लिए टेंडर निकाले और ठेकेदार की मिलीभगत से उसे मंजूरी दे दी। तथापि, आयुक्त से विनम्र निवेदन है कि उक्त कार्य का टेंडर तत्काल निरस्त करें और मनपा का पैसा बचाएं तथा जहां वास्तव में जरूरत हो, वहां खर्च करें। दुबे ने कहा कि, प्रशासन अपने स्तर से मामले की गहनता से जांच कर इसमें भ्रष्ट व लापरवाह अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें। दुबे ने कहा कि, उपरोक्त टेंडर प्रक्रिया को लेकर बड़ी गड़बड़ी देखी गयी है। उन्होंने कहा कि, मे. ओंकार इंटरप्राइजेज को 17.40 प्रतिशत कम दर का टेंडर प्राप्त हुआ था। लेकिन मे. ओंकार इंटरप्राइजेज ने गलती से टेंडर डालने और आर्थिक स्थिति के कारण काम करने में असमर्थता जताने संबंधी मनपा विभाग को पत्र दिया था। सवाल यह उठता है कि, टेंडर प्रक्रिया के पहले उपरोक्त ठेकेदार ने अपनी आर्थिक स्थिति नहीं देखी..?? गलती से टेंडर डालने या किसी के दबाव में आकर उपरोक्त टेंडर से हट जाने का रास्ता अपनाया..?? फिलहाल, मनपा करोड़ो रूपये का टेंडर निकाल कर रोड डिवाइडर पर लगे पौधे को उखाड़ फेंक कर फिर से डिवाइडर बनाने में जुटी है जो शहर में एक चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बाबत पूछे जाने पर उप अभियंता (प्रभाग 'एच' वसई विरार मनपा) सुरेश शिंगाणे ने कहा कि, रोड क्रासिंग करते समय लोग डिवाइडर से करते थे, पहले डिवाइडर छोटा था. ऐसे में दुर्घटनाएं हो रही थी, डिवाइडर और बड़ा करना है, जो काम चालू है। उन्होंने कहा कि जो पौधा डिवाइडर में लगे थे उसे निकाल कर हम गार्डन विभाग के पास रख रहे हैं।

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