अधर में लटका है विरार के अर्नाला में चल रहा घाट निर्माण का कार्य
अधर में लटका है विरार के अर्नाला में चल रहा घाट निर्माण का कार्य
विरार : वसई भायंदर रो - रो सेवा योजना पूरी होने वाली है, वहीं दूसरी ओर सात वर्षो से विरार के अर्नाला में चल रहा घाट निर्माण का कार्य आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। जिसके कारण आज भी यहां के ग्रामीणों को खतरे में यात्रा करनी पड़ रही है।विरार पश्चिम में अर्नाला किला क्षेत्र है, लेकिन यह क्षेत्र एक द्वीप पर है, इसलिए यहां के निवासियों को बाहर आने-जाने के लिए नाव से यात्रा करनी पड़ती है। किनारे पर कोई घाट न होने के कारण नौका को समुद्र में ही रोकना पड़ता है। अपनी यात्रा पूरी करने के लिए नागरिकों को घुटनों तक गहरे पानी में से होकर गुजरना पड़ता है। नागरिकों को इस खतरनाक यात्रा से बचाने के लिए वर्ष 2017 में महाराष्ट्र सागरी मंडल की ओर से घाट के निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। अर्नाला किला व अर्नाला किनारे के दोनों छोर पर घाटों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए लगभग 26 करोड़ की निधि मंजूर की गई थी, लेकिन इस घाट के निर्माण का कार्य बेहद धीमी रफ्तार से किए जाने के कारण सात वर्ष बीत जाने के बावजूद यह निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। जिसके कारण आज भी यहां के निवासियों को घुटने भर पानी से होकर नाव से खतरे से भरा सफर तय करना पड़ रहा है।स्कूली बच्चों, महिला वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को इस परेशानी को सहन करना पड़ता है। ऐसे में नागरिक इस घाट का कार्य पूरा होने पर भी सवाल उठा रहे हैं। नागरिकों द्वारा सवाल खड़े किए जा रहें हैं, कि हाल ही में, महाराष्ट्र सागरी मंडल ने वसई भायंदर रो-रो सेवा परियोजना शुरू की, और इसे पूरा भी किया गया है, लेकिन अर्नाला घाट निर्माण का काम जो पिछले छह-सात वर्ष से अधर में है, आखिर उसमें विलम्ब क्यों की जा रही है। जबकि अर्नाला किला और अर्नाला क्षेत्र में प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री आते-जाते हैं, उसके लिए नौका ठीक से खड़ी होनी चाहिए, इसके लिए महत्वपूर्ण घाट अब भी अधूरा है, जिससे ग्रामीणों की परेशानी बरकरार है। कोंकण क्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए महाराष्ट्र सागरी मंडल की ओर से रो-रो सेवा जैसी योजना शुरू कर पर्यटन को रफ्तार देने का प्रयास किया जा रहा है। जो स्वागत योग्य बात है, लेकिन विरार के पश्चिम में ऐतिहासिक प्रमुख अर्नाला किला है। जहां बड़ी संख्या में किला प्रेमी व पर्यटक विभिन्न इलाकों से आज भी इस किले को देखने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें भी इस खतरनाक तरीके से नाव में चढ़ उतर कर यात्रा करनी होती है। यदि घाट का निर्माण का काम पूरा हो जाए तो यात्रियों का नाव से यात्रा करना भी सुविधाजनक हो जायेगा। इसके अलावा यहां से पर्यटन को भी रफ्तार मिलेगी।


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