क्या मनपा व पुलिस प्रशासन को है किसी बड़े हादसे का इंतजार..??

क्या मनपा व पुलिस प्रशासन को है किसी बड़े हादसे का इंतजार..??

क्या आग लगने व जानमाल के नुकसान के बाद ही जागेंगे जिम्मेदार अधिकारी..??

विरार (लालप्रताप सिंह ) :  मामला विरार का है वही विरार जहाँ हॉस्पिटल मे आग लगने से कई मरीज जल गए थे, वही विरार जहाँ अवैध निर्माणों का बोल बाला रहता है, मुंबई से सटे पालघर जिले मे वसई विरार शहर महानगरपालिका व विरार पुलिस स्टेशन क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नारंगी, गणपति मंदिर,चंदनसार रोड विरार पूर्व स्थित मर्चेंट इंटरप्राइजेज नामक पटाखा कंपनी पर शासन प्रशासन के बगैर अनुमति के फुलझड़ियाँ, फ्लैश पाउडर पटाखे, डबल साउंड पटाखे, दिवाली पटाखे, दुर्गा पटाखा डीलर आदि पटाखे का बेख़ौफ़ उत्पादन कर बेचा जा रहा है.ऐसे मे आस-पास के क्षेत्र में आगजनी की वारदात घटित हो सकती है जिससे बड़े पैमाने पर जानमाल के नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। वही सूत्रों की माने तो उक्त कारोबार में चोरी की बिजली का भी बेधड़क इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में बिजली विभाग को भी सजग होकर जांच करने की आवश्यकता है। प्रशासनिक अधिकारियों को जहां मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कार्यवाई करनी चाहिए वहीं प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। जिससे लोगों में यह संशय उतपन्न हो रहा है कि कहीं उक्त कारोबार प्रशासनिक अधिकारियों की ही देखरेख में तो फलफूल नही रह है..?? यदि उक्त कारोबार में प्रशासनिक अधिकारियों की कोई हिस्सेदारी नही है तो उक्त पटाखा कारोबारी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य), विस्फोटक अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया जाए अथवा ऐसे लोगों पर कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि शासन प्रशासन के नियमों का कोई धज्जियां न उड़ा सके और आदेशों का सख्ती से पालन कराया जाए।


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