कार्रवाई के नाम पर आयुक्त ने अपना कर्तव्य निभाया और अधिकारियों व कर्मचारियों ने अवैध निर्माणकर्ता से घनिष्ट मित्रता निभाकर कर्ज उतार दिया - मनोज बारोट
कार्रवाई के नाम पर आयुक्त ने अपना कर्तव्य निभाया और अधिकारियों व कर्मचारियों ने अवैध निर्माणकर्ता से घनिष्ट मित्रता निभाकर कर्ज उतार दिया - मनोज बारोट
नालासोपारा : नालासोपारा पूर्व में अभिनंदन होटल के पास संतोष भुवन में मुख्य सड़क पर अवैध गालें का नवनिर्माण किया जा रहा था उस वक्त भाजपा के वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने मनपा आयुक्त अनिल कुमार पवार और उपायुक्त अजीत मुठे को 27 मार्च को फोन पर इस अवैध निर्माण की जानकारी दी थी। हालांकि जिस स्थान पर कार्रवाई होनी थी, वहां गालें का बड़ा काम पूरा होते देख बारोट ने 13 अप्रैल को मनपा आयुक्त को लिखित शिकायत दी। इसके बाद 17 अप्रैल को फर्जी कार्रवाई की गई। मनपा की इस आधी-अधूरी कार्रवाई को लेकर मनपा प्रशासन पर सवालों की बौछार करते हुए बारोट ने जवाब मांगा कि इस अवैध निर्माण को बचाने के लिए मनपा प्रशासन इतना उदासीन क्यों है? इसके बाद मनपा आयुक्त व अति.आयुक्त के आदेशानुसार कल 26 अप्रैल को इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई की गयी. बारोट ने इस कार्रवाई के लिए मनपा आयुक्त व अति. आयुक्त रमेश मनाले का आभार व्यक्त किया. हालांकि अगर इस कार्रवाई के संबंध में मिली जानकारी सही है तो इस कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो सकते हैं. बारोट ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि कार्रवाई के दौरान एक उपायुक्त, दो प्रभारी सहआयुक्त सहित एक लिपिक और एक इंजीनियर मौजूद थे.कार्रवाई के दौरान अवैध निर्माण करने वाले को नगर निगम के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला ताकि उसे पत्रा, लोहे की छड़ें और कीमती सामान हटाने का समय दिया जा सके?जिस तरह से जेसीबी चलाई जा रही थी उससे साफ था कि यह कार्रवाई के लिए नहीं बल्कि इस बात का ध्यान रखा गया था कि एक भी लोहे का खंभा मुड़ा हुआ न हो और शायद इसीलिए करीब 1 घंटे की कार्यवाही में कई घंटे नहीं लगते। अवैध निर्माणकर्ताओं को नुकसान से बचाने के लिए एक दो बार वाहनों और जनशक्ति का उपयोग निर्माण को गिराने के लिए किया गया था, लेकिन क्या इस तरह के कार्यों पर समय बर्बाद करने से जनता के कर का पैसा बर्बाद नहीं होता है? क्या इन अवैध निर्माणकर्ताओं के खिलाफ MRTP एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है?वसई तालुका को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार इन अवैध निर्माणकर्ताओं के लिए मनपा के अधिकारी इतने दयालु क्यों बने हैं?बारोट ने शासन प्रशासन व कमिश्नर से इसकी जांच कर उनकी सुरक्षा करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.अन्यथा, यह माना जाएगा कि क्षेत्र में कुछ भ्रष्ट मनपा अधिकारियों और अवैध निर्माणकर्ताओं की मिलीभगत से अवैध निर्माण किया जा रहा है। साथ ही यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कार्रवाई के नाम पर आयुक्त व अति.आयुक्त ने अपने कर्तव्य का पालन किया और मनपा के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अवैध निर्माणकर्ता से घनिष्ठ मित्रता कायम कर कर्ज चुकाया।
Comments
Post a Comment