आगामी अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में कौन होगा विजेता ऋतुजा लटके या फिर मुरजी पटेल..??

आगामी अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में कौन होगा विजेता ऋतुजा लटके या फिर मुरजी पटेल..?? 

अंधेरी पूर्व विधानसभा में किसके सर पर होगा ताज..?? कौन करेगा जनता पर राज..??

अंधेरी : महाराष्ट्र राज्य में  गत दिनों एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद जून में शिवसेना में विभाजन हो गया। जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना और शिंदे समूह नाम से दो समूह बन गए। इस बीच जहां मामला कोर्ट में विचाराधीन है वहीं,अब चुनाव आयोग ने शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह और शिंदे समूह को बालासाहेब की शिवसेना नामित किया है। अब पार्टी के टूटने और नया नाम और नया चुनाव चिह्न मिलने के बाद अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के मौके पर पहली चुनौती उद्धव ठाकरे के सामने है। पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र की राजनीति में हुए राजनीतिक उठापटक, आरोप-प्रत्यारोप की पृष्ठभूमि में अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ साबित होने जा रहा है। यह सीट शिवसेना का गढ़ रहा है। यहां 2019 और 2014 के पिछले दो चुनावों में शिवसेना उम्मीदवार रमेश लटके ने जीत हासिल की थी। 2009 में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी थी। अब जबकि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के साथ हैं तो शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को इसका फायदा मिल सकता है। अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी ने रमेश लटके की पत्नी रितुजा लटके को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ने वाले मुरजी पटेल का नाम भाजपा ने तय किया है। यदि कुल मिलाकर देखा जाए तो उक्त उपचुनाव दोतरफा होने की संभावना है। इसी बीच, इस निर्वाचन क्षेत्र में पिछले दो चुनावों के वोटों के आंकड़ों पर नजर डालें तो लगता है कि वोटों की गिनती उद्धव ठाकरे की पार्टी के लिए काफी अनुकूल है। 2019 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से शिवसेना के रमेश लटके 62 हजार 773 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार मुरजी पटेल को करीब 17 हजार वोटों से हराया था। पटेल को 45 हजार 808 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी अमीन कुट्टी को 27 हजार 951 वोट मिले थे।अब 2022 के उपचुनाव में चूंकि कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी एक साथ है, इसलिए इन दोनों पार्टियों के वोटों का योग 90 हजार 724 है। यह संख्या 2019 में बीजेपी से चुनाव लड़ रहे मुरजी पटेल को मिले वोटों की संख्या से लगभग दोगुना ही है। 2014 के चुनाव में रमेश लटके ने बीजेपी उम्मीदवार सुनील यादव को 5500 वोटों से हराया था। उस चुनाव में रमेश लटके को 52 हजार 817 वोट मिले थे। सुनील यादव को 47 हजार 338 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के सुरेश शेट्टी को भी 37 हजार 929 वोट मिले।  लेकिन अब महा विकास अघाड़ी के रूप में, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के कुल वोट 90 हजार 746 हो गए। यह आंकड़ा उस वक्त बीजेपी प्रत्याशी को मिले वोटों से भी दोगुना है, इसलिए पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भी वोटरों का रुझान जारी रहा तो शिवसेना की उम्मीदवार रितुजा लटके को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। साथ ही रमेश लटके के निधन से मतदाताओं में सहानुभूति की लहर भी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के लिए प्लस हो सकती है। उसमें शिवसेना दो दलों में विभाजित हो गई है और एकनाथ शिंदे की बालासाहेब की शिवसेना भाजपा के साथ है, इसलिए वोटों का कुछ विभाजन हो सकता है। लेकिन फिलहाल शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की पार्टी कागजों पर आंकडों में वजन कम कर रही है। फिलहाल चुनाव के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मतदाता किसे अपना नेता चुनती हैं..?? वह किसके सर पर ताज पहनाएंगी यह आनेवाले समय मे ही मालूम होगा..!!

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