पालघर साधु हत्याकांड की सीबीआई जांच करने की मांग

पालघर साधु हत्याकांड की सीबीआई जांच करने की मांग

पालघर : पालघर साधु हत्याकांड मामले में ठप पड़ी जांच की बहाली व इस हत्याकांड की सीबीआई जांच करने की मांग फिर से उठ गई है। एडवोकेट आशुतोष दुबे ने साधु हत्याकांड मामले को लेकर मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि 16 अप्रैल 2020 को पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की कुछ भीड़ ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। भले ही इस घटना को 2 साल से ज्यादा का समय हो गया हो, किंतु अभी भी इस हत्याकांड की पुख्ता जांच नहीं हो रही है। उक्त हत्याकांड के 100 प्रतिशत अभियुक्तों में से 70 प्रतिशत अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है। दुबे ने बताया कि उन्होंने नेशनल काउंसिल ऑफ स्कॉलर्स की मदद से उच्च न्यायालय में सितंबर 2020 को एक जनहित याचिका दायर की है। जैसा कि उक्त जनहित याचिका में उल्लेख किया गया है, उपरोक्त हत्याओं में कुछ राजनीतिक तत्व शामिल हैं। परन्तु सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उच्च न्यायालय ने इस हत्याकांड में दायर सभी जनहित याचिकाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसलिए, 2 साल बाद भी, ये सभी जनहित याचिकाएं अभी भी उच्च न्यायालय में लंबित हैं। एडवोकेट आसुतोष दुबे ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यंत्री से मांग की है उपरोक्त मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और पालघर साधु हत्याकांड की नए सिरे से जांच का आदेश देना चाहिए ताकि पालघर साधुओं को न्याय मिल सके। गौरतलब है कि पालघर के गड़चिंचले गांव में 16 अप्रैल की रात को हुई वारदात के वीडियो ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. घटना के एक वीडियो में 65 वर्षीय महंत भीड़ से अपनी जान बचाने के लिए पुलिस का हाथ थामे चल रहे थे लेकिन पुलिसकर्मी ने इनका हाथ छुड़वाकर कथित रूप से उन्हें भीड़ को सौंप दिया। इसके बाद उस भीड़ ने जूना अखाड़े के दो साधुओं महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष), महंत महाराज कल्पवृक्ष गिरी ( 65 वर्ष) और ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष)की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।



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