वसई विरार मनपा के भ्रष्ट कारोबार की सीएजी द्वारा की जाए विशेष ऑडिट - मनोज बारोट
वसई विरार मनपा के भ्रष्ट कारोबार की सीएजी द्वारा की जाए विशेष ऑडिट - मनोज बारोट
वसई : लोकसभा प्रवास योजना के तहत केंद्रीय आदिवासी कल्याण राज्यमंत्री बिश्वेश्वर टुडू पालघर जिले के 3 दिवसीय दौरे पर आए थे , इस दौरान केंद्रीय मंत्री को पालघर जिले की अनेक समस्याओं के निवेदन प्राप्त हुए है , इस दौरान भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने वसई विरार महानगरपालिका के भ्रष्ट कारोबार की भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक ( सीएजी ) द्वारा विशेष ऑडिट करवाने की मांग की है। बारोट ने अपने निवेदन में बताया है कि महानगरपालिका की स्थापन होकर 13 साल हुए , इन 13 सालो में विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मनपा को प्रति वर्ष करोड़ों रुपये की निधि प्राप्त होती है , फिर भी तालुका की तकरीबन 30 लाख जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। मनपा प्रदूषण नियंत्रण कक्ष को प्रतिदिन 10 लाख से अधिक का दंड चुका रही है, लेकिन 15 वे वित्त आयोग के तहत केंद्र सरकार से प्राप्त रु 64 करोड़ में से 62 करोड़ दो साल से तिजोरी में पड़े है।अमृत योजना के तहत करोड़ो रुपए से जल कुंभ तो बनाए , वो मरम्मत करने योग्य हो गए है, लेकिन अभी तक उस में एक बूंद पानी नहीं गिरा है और ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को पानी देने के नाम पर करोड़ों का टेंडर निकाल के ठेकेदारों की जेब भरी जा रही है , फिर भी नागरिक प्यासे के प्यासे ही रहते है । मनपा के नगर रचना विभाग के उपसंचालक वाय एस रेड्डी को रिश्वत लेते हुए नहीं बल्कि 25 लाख की रिश्वत एक जनप्रतिनिधि को देते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथ पकड़ा था , ऐसे अधिकारियों की पुन : नियुक्ति उस मूल स्थान पर नहीं होनी चाहिए , इसके लिए राज्य सरकार ने एक जीआर निकाला है । शासन के आदेश का उलंघन कर के रेड्डी जैसे भ्रष्ट अधिकारी की मनपा के नगर रचना जैसे महत्वपूर्ण विभाग में पुन : नियुक्ति किस आधार पर और किसके इशारे पर हुई..?? तालुका के सुशोभीकरण और विकास के लिए आरक्षित की गई जगहों पर अवैध निर्माण हो चुके है तो इन सब विकास कार्यों के लिए प्राप्त निधि कहां खर्च की गई सरकारी , वन विभाग और शहर के विकास के लिए आरक्षित जगहों पर अवैध निर्माण कर के सस्ते घरों के नाम पर हजारों गरीब परिवारों की लूट के साथ साथ अरबों खरबों रुपए का महसुल डुबाने का काम भूमाफिया , मनपा , वन विभाग , महसुल विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी और सत्ताधारियों ने मिलकर किया है। मनपा ने क्षेत्र में 9 हजार अवैध निर्माण की कबूली माननीय न्यायालय के समक्ष की है। 30 लाख जनसंख्या वाले तालुका के नागरिकों के लिए परिवहन सेवा के नाम पर सिर्फ 65 बसेस है । इसलिए रिक्शा चालकों द्वारा नागरीको की खुलेआम लूट की जा रही है । केंद्र सरकार से करोड़ों की निधि प्राप्त होने के बावजूद मनपा के भ्रष्ट कारोबार के कारण नागरिक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है । बारोट अपने निवेदन में इन सब मुद्दो के साथ साथ भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री के 15 अगस्त के भाषण का उल्लेख करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री से वसई विरार मनपा के भ्रष्ट कारोबार की सीएजी द्वारा विशेष ऑडिट करवाने की मांग बारोट ने निवेदन द्वारा की है ।
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