गरीबों को काम दिलाने के नाम पर हो रही मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी का खेल पूर्वांचल में पसार रहा पैर

गरीबों को काम दिलाने के नाम पर हो रही मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी का खेल पूर्वांचल में पसार रहा पैर

वाराणसी/चंदौली/सोनभद्र/मिर्जापुर ( राजकुमार गुप्ता ) : गरीबों को काम दिलाने के नाम पर हो रही मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी का खेल पूर्वांचल में भी पैर पसारने लगा है। हालांकि सीधे तौर पर यह अभी साबित नहीं हुआ है लेकिन काम पर जाने वालों के लापता होने से इसकी आशंका प्रबल हो गई है। चंदौली जिले के धानापुर थाना क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। निदिलपुर गांव निवासी लक्ष्मीना देवी ने पूर्व ग्राम प्रधान मधुकर मौर्य पर काम दिलाने के नाम पर अपने पति को सोनभद्र के घोरावल बाजार ले जाने, उन्हें गायब करने और साज़िश के तहत उनके देवर के हस्ताक्षर से मिर्जापुर के मड़िहान थाना में भ्रामक गुमशुदगी रिपोर्ट लिखवाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने अपने पति की हत्या की आशंका भी जताई है। इस मामले की लिखित शिकायत उन्होंने वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक से भी की है लेकिन आरोपी के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही उन्हें उनका पति मिला है। लक्ष्मीना देवी ने वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक राज कुमार से मिलकर लिखित शिकायत की है कि उनके पति दिलीप प्रजापति को गांव का मधुकर मौर्या गत 2 फरवरी को सोनभद्र के घोरावल बाजार स्थित अपनी मिठाई की दुकान 'बनारस स्वीट्स' पर काम कराने के लिए ले गया था। चार दिनों बाद उसने उन्हें मोबाइल कॉल पर सूचना दी कि उनका पति दिलीप प्रजापति दुकान से गायब हो गया है। मधुकर मौर्या के बुलाने पर 10 फरवरी को उनका देवर मिठाई लाल प्रजापति घोरावल उनके पास गया। दोनों लोग उनके पति की काफी खोजबीन किए लेकिन वह नहीं मिले। दो दिनों बाद मधुकर मौर्या ने उनके देवर के हस्ताक्षर से मिर्जापुर के मड़िहान थाना में जबरन भ्रामक गुमशुदगी रिपोर्ट दर्जा करा दी जो पूरी तरह से मनगढ़ंत और उनके देवर को फंसाने की साजिश है। निदिलपुर गांव निवासी लक्ष्मीना देवी का दावा है कि उनके पति दिलीप प्रजापति घोरावल में मधुकर मौर्या की मिठाई की दुकान से ही गायब हुए हैं जबकि मड़िहान थाना में दर्ज गुमशुदगी रिपोर्ट में उसने धुरकर बाजार से गुम हो जाने की बात लिखवाई है जो बेबुनियाद है। उनका कहना है कि उनका देवर मिठाई लाल प्रजापति छह फरवरी को निदिलपुर ही थे। वे अपने भाई दिलीप प्रजापति के साथ धुरकर मेला देखने नहीं गए थे। मधुकर मौर्या के बुलाने पर 10 फरवरी को उनके देवर सोनभद्र के घोरावल गए थे। पुलिस मिठाई लाल प्रजापति के मोबाइल की लोकेशन से यह पता कर सकती है जो उस समय उनके पास था।अनपढ़ लक्ष्मीना देवी का कहना है कि उनके देवर कम पढ़े-लिखे हैं। कानून और पुलिस के बारे में उन्हें बहुत जानकारी नहीं है। इसी का फायदा उठाकर मधुकर मौर्या ने थाने में पुलिस से मिलकर भ्रामक गुमशुदगी रिपोर्ट लिखवा दी। हम काफी गरीब हैं। मजदूरी कर अपना और अपने बच्चों का पेट भरते हैं। उनके बच्चे पिछले चार महीने से अपने पिता का मुह तक नहीं देखे हैं। वे हर दिन उन्हें पूछते रहते हैं। उन्हें खोज-खोजकर हम लोगों का बुरा हाल हो चुका है। पुलिस और प्रशासन से भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। सभी लोग उन्हें ही झूठा साबित करने पर लगे हैं जबकि उनके पास मोबाइल कॉल डिटेल है जिसमें मधुकर मौर्या खुद उनके पति दिलीप प्रजापति को घोरावल ले जाने की बात कह रहा है। साथ ही वह मड़िहान थाने में उनके देवर मिठाई लाल प्रजापति के हस्ताक्षर से गुमशुदगी रपट दर्ज कराने की बात भी स्वीकार कर रहा है। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन उन्हें ही झूठा बता रहा है। लक्ष्मीना देवी ने बताया कि उन्हें गत 5 मई को चंदौली के जिलाधिकारी से इस मामले की शिकायत की थी। उन्होंने धानापुर थाना पुलिस से इसकी जांच कराई थी। हम लोगों ने थाने में अपना बयान भी दर्ज कराया था। हम लोगों के सामने ही मधुकर मौर्या ने पुलिस से उनके पति को घोरावल ले जाने की बात स्वीकार की थी। इसके बावजूद धानापुर पुलिस ने मड़िहान थाना में दर्ज भ्रामक गुमशुदगी रिपोर्ट के आधार पर उन्हें झूठा बता दिया।लक्ष्मीना देवी और मधुकर मौर्या के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग हमारे पास मौजूद है। इसमें आरोपी मधुकर मौर्य साफ स्वीकार कर रहा है कि वह दिलीप प्रजापति को निदिलपुर से ले गया था। ऑडियो रिकॉर्डिंग में मधुकर मौर्या यह भी स्वीकार कर रहा है कि उसने ही मड़िहान थाना में दिलीप प्रजापति की गुमशुदगी की रिपोर्ट उनके भाई मिठाई लाल प्रजापति के हस्ताक्षर से दर्ज करवाई थी। इसमें मधुकर मौर्या पीड़िता लक्ष्मीना देवी को धमकी भी देता नजर आ रहा है। साथ ही यह भी कह रहा है कि वह जहां-जहां जाती हैं, उसकी हर जानकारी उसके पास रहती है। वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं।

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