सरकार और सरकारी महकमे के द्वारा उपेक्षा का शिकार हो रहा है कस्टम हाउस एजेंट

सरकार और सरकारी महकमे के द्वारा उपेक्षा का शिकार हो रहा है कस्टम हाउस एजेंट, कार्यालय के कई विभागों में जाने पर लगी रोक   

मुंबई : जिस कस्टम हाउस एजेंट की नियुक्ति का प्रारूप अनुभाग १४६ सीमा शुल्क अधिनियम  १९६२ दिया गया है , उसी अनुरूप नियुक्ति और क्रिया कलाप संपादित किया जाता है।परंतु पिछले कुछ समय से यह वर्ग का अनादर और उपेक्षा का शिकार हुआ है। मामला एशिया के सबसे बड़े पत्तन न्हावा शेवा के जवाहरलाल नेहरू कस्टम हाउस का है जहा नियुक्त कस्टम हाउस एजेंट्स को कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है वर्तमान समय में सिर्फ कॅश सेक्शन, बांड सेक्शन और लाइसेंस सेक्शन ही कस्टम्स हाउस एजेंट प्रवेश कर सकते है।  इसके अलावा सभी ग्रुप, धन वापसी विभाग, केंद्रीय धन वापसी विभाग, अपील सेक्शन और बहुत सारे विभाग है जहां लगातार कस्टम हाउस एजेंट, दस्तावेजों को जमा करना, किसी भी सवाल का त्वरित उत्तर, और ढेर सारे अगिनत कार्यो में लगे रहते है वहां प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है की आखिर मुंबई के दूरदराज़ क्षेत्रों से सुबह तड़के घर से निकल कर आने वाले इन एजेंट्स का सरकारी कार्यो में कितना सहयोग है..?? आपको बता दें कि जिस प्रकार से इनकम टैक्स विभाग में चार्टर्ड अकाउंटेंट सहायक की है वही स्थिति कस्टम हाउस में कस्टम हाउस एजेंट्स की है। विदेशो से आये सामान की दिन रात निकासी, सामान की घर पहुंच सेवाएं सिर्फ और सिर्फ कस्टम हाउस एजेंट्स के कारण संभव हो पाता है। लगातार काम का भार और आराम ना मिल पाने के कारण पिछले साल कई एजेंट हृदयाघात के शिकार बने और कई कोरोना महामारी के शिकार । इसके अलावा आए दिन तेजी से कार्य करने के चक्कर में कई बाइक वाले ट्रक की चपेट में आ गए है। जहां तक जानकारी में आया है इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है कहने को तो इनका संगठन है लेकिन वहां भी वातानुकूलित कमरे में बैठे गर्म कहवा के साथ कुछ चंद अंग्रेजी की पंक्तियां कहने वाले लोग ही रहते है।

अगर इनकी सुध होती तो इन्हें मेडिक्लेम, इन्शुरन्स या कोई और सुविधाएं दी गयी होती। कोरोना में इनको योद्धा तक की संज्ञा दे डाली गयी किंतु आज इनको कस्टम पास होने के बावजूद सभी एजेंट्स को २ घंटे की लाइन में टोकन के लिए खड़ा किया जा रहा है , इस बात की परवाह किये बगैर ही दिन भर ये कार्य में तेजी लाने के लिए कड़ी मेहनत करते है।अगर इसी तरीके से इनको रोका गया तो शिपमेंट निकालने में विलंब होगा। नतीजतन व्यापार और व्यापारी दोनों न्हावा शेवा पोर्ट से किसी और पोर्ट की तरफ रूख करंगे।

Comments

Popular posts from this blog

नायगांव क्षेत्र में दो गुटों में जमीनी विवाद को लेकर हुई गोलीबारी, कई लोग घायल

वसई-विरार में लगभग 35 साल से एक क्षत्र शासित बहुजन विकास आघाड़ी का किला हुआ ध्वस्त

फर्जी डॉक्टर पर मामला दर्ज, मिलाप यूनानी आयुर्वेदिक केंद्र के नाम से चलाया जा रहा था क्लिनिक