प्रधानमंत्री की संसद सत्र में उत्तर भारतीयों पर टिप्पणी

प्रधानमंत्री की संसद सत्र में उत्तर भारतीयों पर टिप्पणी 

जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन सत्यम ने मजदूरों का बताया अपमान

पालघर : स़ंसद सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदीजी द्वारा कोरोनाकाल के आंरभिक दिनों में लगाये गये संपूर्ण लाँकडाऊन के पश्चात महराष्ट्र से घर वापसी के लिए निकले बेसहारा मजलूम मजदूरों को लेकर की गयी टिप्पणी पर पालघर जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन सत्यम ठाकूर ने मजलूम मजदूरों के लिए अपमानजनक बताते हुए अफसोस जताया है। उन्होंने कहा है कि अब प्रधानमंत्री से उत्तर भारतीयों के लिए यही उम्मीद बची हुई थी। बतादें कि प्रधानमंत्री ने संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में दिये जा रहे अभिभाषण के दौरान महाराष्ट्र के कांग्रेस समर्थित महाविकास आघाड़ी सरकार के आड़ो हाथों लेते हुए कांग्रेस पर तीखी बयानबाजी करते कहा था कि महाराष्ट्र में प्रवासी उत्तर भारतीय मजदूरों, कामगारों को उनके गावों में कोरोना फैलाने के लिए लाँकडाऊन के दौरान निःशुल्क ट्रेनों का टिकट थमा कर भेज दिया गया था। जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन ने मीडियाकर्मियों को जारी प्रेस नोट के हवाले से बताया है कि मार्च के दुसरे पखवाड़े में देश के प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना से रोकथाम के लिए अचानक से की गयी संपूर्ण लाँकडाऊन की घोषणा के पश्चात औद्योगिक क्षेत्र के आसपास अचानक से अफरातफरी मच गयी.। दो-चार दीन गुजरते ही दिहाड़ी मजदूरों व कारखानों में कार्यरत कामगारों  के सामने भविष्य की चिंता इस कदर हाबी हो गयी कि महाराष्ट्र से पलायन के सिवाय कोई रास्ता ही नही बचा था। मजलूम मजबूर मजदूर हालात से घबराये निकलने शुरू हो गये।फिर भी तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं, कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं ने रेलवे पटरी पकडे जा रहे  हजारों मजदूरों को जगह -जगह ठहरने खानेपीने एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई।वाणगाँव स्टेशन के समीप मजदूर परिवारों के लिए महिनों तक समुचित खानेपीने एवं ठहराव का प्रबंधन बनाये रखा गया। अंततोगत्वा लोगों को परिजनों से मिलने की चाहत कोरोनाकाल की परिस्थिति जन्य समयानुसार महाराष्ट्र शासन की ओर से सभी राज्यों के प्रमुख स्थानों के लिए निःशुल्क ट्रेन उपलब्ध कराकर गंतव्य स्थान तक पहुचाया गया। ऐसे में देश के जिम्मेदार प्रधानमंत्री जी द्वारा संसद में कोरोना फैलाने के लिए मजलूम मजदूरों की घर वापसी संबंधित टिप्पणी सरेआम अपमानजनक है।जिसकी तीव्र भर्तस्ना होनी चाहिए.। वही महाराष्ट्र वासियों द्वारा मानवीय धर्मों के निर्वहन सेवा सुर्श्रषा का मजाक बताया है।

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