मीरा भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत हुई ५५ में से ४८ हत्याओं की गुत्थी तो सुलझ गई किंतु ७ हत्या का रहस्य अभी भी है बरकरार
मीरा भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत हुई ५५ में से ४८ हत्याओं की गुत्थी तो सुलझ गई किंतु ७ हत्या का रहस्य अभी भी है बरकरार
विरार : मुंबई अमदाबाद हाइवे सुनसान होने के चलते आए दिन लूटपाट व हत्या आम बात हो गई है प्रतित होता है कि मुंबई अहमदाबाद हाईवे जैसे शवों का डंपिंग ग्राउंड सा बन गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मीरा भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत हुई ५५ में से ४८ हत्याओं को पुलिस ने सुलझा तो लिया किंतु ७ हत्या का रहस्य अभी भी बरकरार है। पुलिस के मुताबिक इनमें से ज्यादातर शव मुंबई-अमदाबाद हाइवे पर ही पाए गए थे। बता दें कि वसई में एक ही सप्ताह में मिले दो शवों से हड़कंप सा मचा हुआ है। विरार पूर्व स्थित व्रजेश्वरी रोड पर ड्रम में एक व्यक्ति का शव मिला था तथा शुक्रवार को विरार के मरंबल पाड़ा में घाट पर एक महिला का शव मिला था। दोनों ही शवों की शिनाख्त की जा रही है। क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस साथ मिलकर दोनों हत्याओं की समानांतर जांच कर रही है। पुलिस उपायुक्त डॉ. महेश पाटील (अपराध) द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक ७ शवों की शिनाख्त जारी है।शहर के सभी पुलिस स्टेशनों के साथ-साथ राज्य के भी सभी पुलिस स्टेशनों में दर्ज गुमशुदगी का रिकॉर्ड तीन बार चेक किया जा चुका है। इसके अलावा, हजारों शवों की तस्वीरें ली गर्इं और विभिन्न स्थानों पर वितरित भी की गई। उनके मुताबिक हाइवे पर शव को वाहन से निकाल कर फेंकना आसान हो जाता है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दो साल पहले मोटरसाइकिल पर हाइवे पर गश्त करने का प्रस्ताव रखा गया था किंतु उसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि मुंबई अहमदाबाद हाईवे पर जल्द ही जगह जगह सीसीटीवी लगाए जाएंगे।
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