रेमेडीसीवर की कालाबाजारी करनेवाला चढ़ा पुलिस के हत्थे

कमला लाइफ साइंस लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी ने किसके इशारे पर किया रेमेडीसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी

कमला लाइफसाइंस लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी खुद ही कर रहा था रेमेडीसीवर की कालाबाजारी..??

तारापुर/बोईसर :कोरोना काल मे रेमेडेसीवीर की काला बाजारी करने का मामला प्रकाश में आया है। तारापुर एमआईडीसी के कमला लाइफ साइंस के कर्मचारी ने कोरोना काल मे इंसानियत को तार तार करने का काम किया, कोरोना की वजह से बाजार में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन का भारी मात्रा में मांग है लोग अपने को बचाने के लिए किसी भी कीमत पर इंजेक्शन खरीदने को तैयार हैं। ऐसे में इस दुष्काल में कमाई का अवसर तलाशने वाले सिद्धेश पाटिल, मूल रूप से उमरोली जिला पालघर महाराष्ट्र का निवासी है जो लोंगों की मजबूरी का फायदा उठाकर ऊंचे दामों में राज्य में रेमेडेसीवीर का गोरखधंधा करता था। कमला लाईफ साइंस कम्पनी से गुपचुप तरीके से रेमेडेसीवीर का इंजेक्शन चोरी से निकाल कर बेचने का काम करता था। नासिक पुलिस ने इस पूरे वाकया का खुलासा किया। महाराष्ट्र के अन्य  जिलों में अवैध रूप से इंजेक्शन बेची जा रही थी। नासिक पुलिस कड़ी को जोड़ते हुए खोज बीन शुरू किया तो इसका तार पालघर जिले से जुड़ता दिखाई दिया, जानकारी के आधार पर पालघर बोईसर के उमरोली गाँव निवासी कमला लाइफ साइंस  कंपनी में काम करने वाले युवक सिद्धेश पाटिल को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया है। जांच के बाद इस रहस्य से पर्दा उठेगा कितने लोग और इसमें शामिल है जबकि सबसे बड़ा सवाल यह है इंजेक्शन कंपनी के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच कैसे गया और इसे कैसे वितरित किया गया इतने बड़े पैमाने पर काला बाजारी करने में कितने लोंगों का हाथ काला है।फिलहाल कंपनी प्रबंधन ने इस बारे में बात करने से इनकार कर दिया है। राज्य में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की अत्यधिक मांग थी कमला लाईफ साइंस कम्पनी के कर्मचारियों से पूछताछ पुलिस द्वारा किया जा रहा है ।

🔵कंपनी के कर्मचारियों से 63 रेमेडेसीवीर इंजेक्शन जब्त किए गए हैं, पुलिस द्वारा आगे की जांच की जा रही है। (योगेंद्र पोल, ड्रग इंस्पेक्टर, पालघर)

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