राष्ट्रीय क्षत्रिय जन संसद, महाराष्ट्र प्रांत की चेतावनी: रिनायसेन्स स्टेट नामक पुस्तक पर लगाओं प्रतिबंध अन्यथा होगा जनांदोलन
राष्ट्रीय क्षत्रिय जन संसद, महाराष्ट्र प्रांत की चेतावनी: रिनायसेन्स स्टेट नामक पुस्तक पर लगाओं प्रतिबंध अन्यथा होगा जनांदोलन
रिनायसेन्स स्टेट नामक पुस्तक में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रेषित किया गया है जिसपर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगना चाहिए अन्यथा हम उसी भाषा मे जवाब देंगे - राष्ट्रीय सभापती महेश पाटील- बेनाडीकर एवं सदन नेता: महाराष्ट्र प्रांत, पराग विठ्ठल भोजणे ( धार परमार ) राष्ट्रीय क्षत्रिय जन संसद, नवी दिल्ली।
पिछले कुछ दशकों से छत्रपति वंश और क्षत्रिय वंश के बारे में जानबूझकर झूठा इतिहास फैलाया जा रहा है। कुछ ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं जो की महाराष्ट्र में छत्रपति वंश और क्षत्रिय वंश को बदनाम करने की लगातार साजिश रच झूठे इतिहास रच रहे हैं। जिसका की कोई भी समकालीन प्रमाण नहीं मिलता है।
राष्ट्रीय क्षत्रिय जन संसद के माध्यम से हम मांग कर रहे हैं कि गिरीश कुबेर ने छत्रपति वंश और पूरे महाराष्ट्र से माफी मांगें और साथ ही पुस्तकों का वितरण तुरंत बंद करे।
वरिष्ठ पत्रकार गिरीश कुबेर अपनी नई पुस्तक रिनायसेन्स स्टेट में इसी तरह के अनाप सनाप लेख छत्रपति वंश के बारे में लिखते हैं। हमें यह पता लगाना होगा कि उन्होंने ऐसा क्यों लिखा या फिर इसके पीछे और कोई गहरी साजिश है।बता दें कि छत्रपती संभाजी राजे इस पावन भारत भूमि के इतिहास में अद्वितीय रत्नों में से एक है। स्वतः छत्रपती संभाजी राजे कहते हैं कि महाराणी सोयरामातोश्री मन की शुद्ध हैं और यह कई इतिहासकारों द्वारा सिद्ध किया गया है फिर इसपर किसी को टिका टिप्पणी करने की आवश्यकता नही है। बेंद्रे के शोध के दशकों बाद, यह स्पष्ट है कि कुबेर जैसे विद्वान ने इतिहास पर पुस्तक लिखने से पहले बेंद्रे या किसी अन्य इतिहासकार के शोध पर विचार नहीं किया। इन सभी बातों को देखकर यह महसूस करते हैं कि ये गंभीर गलतियाँ अनजाने में नहीं हुई होंगी, ऐसा लगता है कि यह सब लेखन एक मानसिकता और विकृति से निकला हुआ है।
महेश पाटिल-बेनाडीकर जी ने आगे कहा कि दैनिक लोकसत्ता के संपादक गिरीश कुबेर ने मराठों के देवता छत्रपति संभाजी महाराज की निंदा की है. कुबेर ने इतिहास को विकृत कर दिया है। उन्होंने छत्रपती संभाजी राजे और पूरे मराठा समुदाय का अपमान किया है और राष्ट्रीय क्षत्रिय जण संसद की ओर से मैं उनका सार्वजनिक रूप से विरोध करता हूं। अब उन्हें सबूत के साथ छत्रपती संभाजी राजा के बारे में जो लिखा है उसे साबित करना चाहिए और मराठा समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी के साथ किताब को वापस लेनी चाहिए।
छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी राजे के साथ-साथ इस वंश के आलोचक भी बहुत हो गए हैं। प्रसिद्धी पाने के लिये हमारे आराध्य दैवत छत्रपती शिवराय और छत्रपती संभाजी राजे के बारे मे गलत इतिहास जन समाज को बताया तो उसके परिणाम आपको हर राज्य मे देखने को मिलेंगे यह चेतावनी राष्ट्रीय सभापती महेश पाटील- बेनाडीकर एवं सदन नेता: महाराष्ट्र प्रांत, पराग विठ्ठल भोजणे ( धार परमार ) राष्ट्रीय क्षत्रिय जन संसद, नवी दिल्ली इन्होने दी है।
Comments
Post a Comment