विजय वल्लभ अस्पताल प्रशासन पर हुआ मामला दर्ज
पति की मृत्यु की ख़बर सुनकर पत्नी को आया हार्ट अटैक
विजय वल्लभ अस्पताल प्रशासन पर हुआ मामला दर्ज
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे अपने विवादित बयान से हुए यूटर्न
विरार : महाराष्ट्र राज्य के पालघर जिला स्थित विरार के विजय वल्लभ अस्पताल के ICU में लगी भीषण आग में 14 लोगों की मौत हो गई. इस भयंकर घटना के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार आग सेंट्रलाइज्ड एसी में विस्फोट होने की वजह से लगी थी। इस आग में पति की मृत्यु की खबर सुनते ही कोरोनाग्रस्त पत्नी की भी हार्ट अटैक से निधन हो जाने की खबर आ रही है। विरार स्थित विजय वल्लभ कोविड अस्पताल में 90 लोगों का इलाज चल रहा था। जिनमे से 17 लोग आईसीयू में थे, आज सुबह लगी इस भीषण आग में 14 लोगों की मौत हो गई।जिसमे कुमार दोषी भी शामिल थे. कुमार दोषी की उम्र 45 वर्ष थी। उनकी पत्नी चांदनी दोषी को भी कोरोना हो गया था.जिनका इलाज विरार स्थित जीवदानी अस्पताल में चल रहा था। कोरोना का इलाज करा रही चांदनी दोषी ने जैसे ही अपने पति कुमार दोषी की मौत की खबर सुनी तो उन्हें हार्ट अटैक आ गया जिसके तुरंत बाद ही उनका निधन हो गया। उक्त ख़बर से पूरे वसई विरार शहरवासियों का दिल दहल गया।
उक्त घटना की मुख्यंत्री ने दी जांच के आदेश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पालघर जिले के विरार हादसे मे हुए 14 मरीजों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन को हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के कोविड संक्रमण का इलाज किसी तरह से प्रभावित न हो. और उन्हें दूसरी जगहों पर ठीक तरह से ट्रांसफर किया जा सके. उन्होंने कहा कि विजय वल्लभ अस्पताल एक निजी अस्पताल है और यह जांच की जाएगी कि वहां सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा था या नहीं. अधिकारियों के मुताबिक अस्पताल में आग शुक्रवार सुबह 3.15 बजे के आस-पास लगी जिसमें पांच महिलाओं और आठ पुरुषों की मौत हो गई. थोड़ी ही देर बाद 1 और मरीज की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 13 से बढ़ कर 14 हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी अपने बयान पर सफाई
इन सबके मद्देनजर कांग्रेस नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का एक अत्यंत असंवेदनशील बयान सामने आया था अस्पताल में लगी इस भीषण आग की दुर्घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजेश टोपे ने कहा था 'हम ऑक्सीजन के बारे में बात करेंगे, रेमडेसिविर के बारे में बात करेंगे. विरार की ये जो घटना घटी है वो नेशनल न्यूज नहीं है। राज्य सरकार की ओर से यथासंभव मदद की जाएगी.' राजेश टोपे का यह बयान तब सामने आया जब वे प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ शामिल होने वाले थे. इस पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रियाएं देते हुए राजेश टोपे के इस बयान को बेहद असंवेदनशील बताया। विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि जब 100 या 1000 से ज्यादा लोगों की मौत होगी तब इनके लिए नेशनल न्यूज होगा क्या?अपने इस बयान पर सफाई देते हुए राजेश टोपे ने कहा कि मीडिया से मेरी यह विनती है कि वे मेरे बयान का गलत मतलब ना निकाले. उन्होंने कहा कि मीडिया को मेरे कामों का पता है. राज्य की जनता भी यह देख रही है कि मैंने साल भर कोविड काल में अपनी जिम्मेदारियां कितनी ईमानदारी से निभाई हैं. मैं एक अत्यंत ही संवेदनशील राजनीतिक कार्यकर्ता रहा हूं. इस दु:खद घटना पर सबसे पहली प्रतिक्रिया मेरी ही सामने आई. मैंने साफ कहा कि यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है तथा उन्होंने आगे कहा कि मृतकों के परिवार वालों के दु:ख में मैं हृदय से सहभागी हूं. इस पूरी परिस्थिति में राज्य सरकार की तरफ से जो भी बन सकेगा, वो हम करेंगे. यह सब मैंने सुबह ही मीडिया से बातचीत में कहा. मैंने यह भी कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पूरी जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. मेरे बयानों का गलत मतलब ना निकाला जाए।
अस्पताल प्रशासन पर हुआ मामला दर्ज
अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में आग लगने से कोरोना वायरस से संक्रमित 14 मरीजों की मौत हो जाने के बाद अस्पताल के निदेशकों एवं प्रबंधन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 337 और 338 व धारा 38 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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