रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करनेवाले चढ़े पुलिस के हत्थे
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करनेवाले चढ़े पुलिस के हत्थे
वसई : रेमडेसिवीर इंजेक्शन कोरोना के मरीजों को लगाया जाता है। महाराष्ट्र में इस वक़्त बढ़ते कोरोना मामलों की वजह से इस इंजेक्शन की बहुत मांग है, जिसका फायदा कुछ लोग उठाकर इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं।नालासोपारा की तुलिंज पुलिस ने सोमवार देर रात मीरारोड से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ये रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़े गए। पुलिस ने इनके पास से तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन व दो बाइक बरामद की है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र कांबले ने बताया कि कोरोना महामारी से लोगों की जानें जा रही हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इस महामारी में आम जनता को लूटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नालासोपारा पूर्व के धानिवबाग इलाके में रहने वाली एक महिला का रिश्तेदार कोरोना से संक्रमित है। डॉक्टरों ने महिला से रेमडेसिविर इंजेक्शन का बंदोबस्त करने के लिए कहा। महिला को किसी ने मीरा रोड के रहने वाले शम्मीउल्ला फारुख शेख, मोहम्मद इरशाद अब्दुल हनान व मोहम्मद तबरेज रफीक शेख से बात करने के लिए कहा। महिला ने तीनों से मोबाइल पर संपर्क किया और रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की गुजारिश की। उन्होंने महिला से कहा कि इंजेक्शन मिल जाएगा लेकिन उसकी कीमत 13 हजार रुपये है। इसके बाद महिला ने इसकी जानकारी मीरा भाईंदर-वसई विरार आयुक्तालय के कमिश्नर सदानन्द दाते को दी। दाते ने तुलिंज पुलिस को इसकी सूचना दी और कार्रवाई करने के आदेश दिए। कांबले ने बताया कि हमारी डिटेक्शन के पुलिस उप निरीक्षक ज्ञानेश्वर कोकाटे की टीम ने एक फर्जी ग्राहक बनाकर उन तीनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए संपर्क किया। तीनों ने पहले एक इंजेक्शन की कीमत 25 हजार रुपये बताई। फिर दूसरे दिन कम करते करते 13500 रुपये में सौदा तय हुआ। सोमवार की रात जैसे ही तीनों मीरा रोड स्टेशन के पास पुलिस के फर्जी ग्राहक को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने पहुंचे तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से तीन इंजेक्शन व दो बाइक बरामद की है। कांबले ने बताया कि गिरफ्तार युवकों में दो फार्मा कम्पनी में काम करने वाले हैं। एक इंजेक्शन की कीमत 3950 रुपये है। ये लोग ब्लैक में चार गुने दामों पर बेच रहे थे।
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