नालासोपारा मे रिक्शावाले आम जनता की जेबों पर डाल रहे हैं डाका
नालासोपारा मे रिक्शावाले आम जनता की जेबों पर डाल रहे हैं डाका
रिक्शावालों की मनमानी से आम जनता त्रस्त
नालासोपारा ( लालप्रताप सिंह ) : वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन के बाद पूरे देश मे धीरे धीरे लॉकडाउन को अनलॉक मे परिवर्तित किया गया तो महाराष्ट्र राज्य मे भी अनलॉक की शुरुवात हुई तथा लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने जाने के लिए रिक्शावालों को भी रिक्शे मे सिर्फ और सिर्फ दो पैसेंजर बिठाने की अनुमति दे दी गई थी। दो पैसेंजर बिठाने पर रिक्शावालों द्वारा किराया बढ़ा दिया गया, जिसका भुगतान आम जनता मानवता के चलते वहन कर रही थी, किंतु अब जब कुछ नियम व शर्तों के साथ पूर्णरूपेण पूरे राज्य में अनलॉक हो चुका है तथा ट्रेन भी आम जनता के लिए शुरू हो गई है। ऐसे मे लोगों की भीड़ भी बढ़ने लगी है। भीड़ बढ़ने से रिक्शा से यात्रा करनेवाले आम यात्रियों की संख्या मे भी इजाफा हुआ है जिसका फायदा उठाते हुए रिक्शावाले शहर मे सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर कानून कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए आम जनता की जान को जोखिम मे डालकर पुनः पहले की तरह रिक्शा मे 4 से 6 यात्रियों को बिठाना प्रारंभ कर दिए है किंतु किराए मे किसी भी प्रकार का संशोधन नही हुआ यात्रियों से बढ़ा हुआ ही किराया लिया जा रहा है। जिससे सीधे तौर पर रिक्शावालों द्वारा आम जनता की जेबों पर डाका डाला जा रहा है तथा यातायात पुलिस भी इन्हें संरक्षण दे रही है। एक तरफ आम जनता लॉकडाउन के चलते पहले से ही आर्थिक रूप से टूट चुकी है तथा दूसरी तरफ रिक्शावालों की मनमानी......
रिक्शावालों की इस मनमानी रवैये को देखते हुए आरटीओ को हस्तक्षेप करते हुए आम जनता के हित मे एक तय किराया रखा जाना चाहिए जिससे कि लॉकडाउन की मार झेल रही आम जनता को परेशानी न हो तथा रिक्शा यूनियनों को भी इस पर विचार करना चाहिए। रिक्शावालों को भी लोगों की जेबों पर डकैती डालने के बजाय मानवता दिखाते हुए यात्रियों से उचित किराया लेना चाहिए।
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