मतभेद का परित्याग कर पत्रकारों के हित में अपवा के साथ एक मंच पर आये पत्रकार संगठन- शील गहलौत
मतभेद का परित्याग कर पत्रकारों के हित में अपवा के साथ एक मंच पर आये पत्रकार संगठन- शील गहलौत
अखण्ड पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन सभी संगठनों को एक मंच पर आने का किया आहवाहन
अखण्ड पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन ( भारत ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शील गहलौत ने एक वार्ता में कहा कि सिर्फ और सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही सैकड़ों पत्रकारों के संगठन होंगे।अगर इसे स्टेट लेवल पर देखा जाये तो इसकी संख्या हजारों में होगी किंतु जिस मकसद से पत्रकारों के इतने संगठन बनाये गये है वह महज दिखावा भर ही साबित होते दिखाई दे रहे हैं जिसका मुख्य कारण पत्रकारों के बीच आपसी मनमुटाव व वैमनस्ता है। जिसका लाभ सरकार बखूबी लेती आ रही है। छोटे-बड़े बैनर व छोटा बड़ा पत्रकार होने का दंभ रखने वाले पत्रकारों व संगठन के नेतृत्वकर्ताओं से अपील करते हुये आग्रह करते है कि अहंकार विनाश की जननी होती है। इसी अहंकार के चलते आज तक सरकारें पत्रकारों के हितार्थ कोई भी सार्थक कार्य नही की। अब समय आ गया है कि सभी पत्रकार व संगठन आपसी वैमनस्ता को छोड़कर एक मंच पर आये और पत्रकारों के हितार्थ अपवा द्वारा लडी जा रही लड़ाई का हिस्सा बनकर एक आवाज बने, जिससे सरकार आपकी ताकत का एहसास करे और पत्रकारो को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने की दिशा में कार्य करने के लिये विवश हो। वहीं अपवा यह लडाई लड़ने के लिये अपने सभी प्रदेश के अध्यक्षों को सूचनार्थ भी कर दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष शील गहलौत ने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश बिहार,छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, पंजाब, उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू एण्ड कश्मीर और महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष को अपवा के विस्तार में तेजी लाये जाने के लिये आदेशित किया जा चुका है। तथा बताया कि जनवरी महीने के बाद से पत्रकारों के हित में बड़ा आंदोलन करने की रूपरेखा तय की जायेगी। उन्होने कहा कि देश व प्रदेश की गॅूंगी व बहरी सरकार अपने कानों में तेल डालकर बैठी है जिसके चलते पत्रकारों की आवाज उन्हें सुनाई नही दे रही है। वही आॅखें भी बन्द होने की वजह से वह पत्रकारों के दर्द को भी नही देख पा रही है। ऐसे में सरकार की आॅख और कान को दुरूस्त करने के लिये हमें बड़े आन्दोलन को अंजाम देना होगा। कोरोना की समाप्ति के पश्चात इस आंदोलन की दिशा में कार्य प्रारम्भ हो जायेगा। विदित हो कि अपवा संगठन पत्रकारों को मानदेय, पत्रकार आयोग, पत्रकार सुरक्षा, मान्यता प्राप्त पत्रकारों की तरह सभी पत्रकारों को सुविधा, पेन्शन को लेकर आन्दोलनरत रही है।
अब यह लडाई युद्व स्तर पर लडी जायेगी। इसलिये संगठन का विस्तार करते हुये हर जिले स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने के लिये सभी कार्यकर्ता जी जान से जुट जाये। प्रदेश व देश की गूंगी व बहरी सरकार से अपने हक के लिये निर्णायक स्तर पर लडाई लड़ने की दिशा में अपने आप को मजबूत व एकजुट करने की आवश्यकता है। वह दिन दूर नही है जब सरकार आपकी बात भी मानेगी और और आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिये संजीदा भी होगी।
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