वसई विरार मनपा अंतर्गत क्षेत्रों की बदहाल सड़कें मौत को दे रहीं है दावत
वसई विरार मनपा अंतर्गत क्षेत्रों की बदहाल सड़कें मौत को दे रहीं है दावत
वसई : वसई विरार मनपा प्रभाग समिति फ़, प्रभाग समिति ब, प्रभाग समिति ड व प्रभाग समिति जी अंतर्गत आनेवाले कई क्षेत्रों की सड़कें बदहाल हो चुकी है, सड़कों पर एक से डेढ़ फ़ीट गड्ढे हो गए है जिसपर वाहन चलाना खतरे से खाली नही है, कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है अथवा इन सड़कों पर पैदल चलना भी दुःसभर है, किंतु मनपा अधिकारियों के कानों पर जूं तक नही रेंग रहा, शायद उन्हें किसी बडे हादसे का इंतज़ार है कोई बड़ा हादसा होगा फिर कुम्भकर्णी नींद से जागेंगे, ज्ञात हो कि अभी हाल ही मे प्रभाग समिति फ़ अंतर्गत धानिव बाग मे वसई विरार मनपा की ही लापरवाही के चलते एक नन्ही परी की जान चली गई थी जिसके बावजूद वे कुंभकर्णी नींद मे सो रहे हैं।
यदि इन्हें उक्त किसी भी विषय की जानकारी देने की कोशिश की जाती है तो ये अधिकारी फोन उठाने से भी कतराते है अथवा मो. नंबर को ही ब्लॉक कर देते है, ऐसे मे अब आम जनता व इनके बीच का सामंजस्य टूटता हुआ प्रतीत हो रहा है। वसई विरार मनपा के प्रभागीय कार्यालयों मे मनमाना कार्यभार चल रहा है। इसके अलावा मनपा मे आसीन मनपा आयुक्त भी लोगों के फोन उठाने से कतराते है, ऐसे मे सवाल उठता है कि आम जनता अपनी समस्या को लेकर जाएं तो कहां जाए..?? जब उसकी कोई सुननेवाला ही नही है।

यदि समाचार पत्रों के माध्यम से भी मनपा अधिकारियों को जानकारी देने की कोशिश की जाती है तो भी ये अनजान ही बने होते है इन्हें कुछ पता नही होता। यदि शिकायत पत्र दिया जाय तो उसपर भी किसी प्रकार से कोई कार्यवाई नही की जाती है, ऐसे मे आम जनता के समक्ष एक जटिल समस्या खड़ी हो गई है। अब देखना यह है कि क्या आनेवाले समय मे इस जटिल समस्या का कोई हल निकलेगा या फिर वसई कर को राम भरोसे ही रहना पड़ेगा। : वसई विरार मनपा प्रभाग समिति फ़, प्रभाग समिति ब, प्रभाग समिति ड व प्रभाग समिति जी अंतर्गत आनेवाले कई क्षेत्रों की सड़कें बदहाल हो चुकी है, सड़कों पर एक से डेढ़ फ़ीट गड्ढे हो गए है जिसपर वाहन चलाना खतरे से खाली नही है, कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है अथवा इन सड़कों पर पैदल चलना भी दुःसभर है, किंतु मनपा अधिकारियों के कानों पर जूं तक नही रेंग रहा, शायद उन्हें किसी बडे हादसे का इंतज़ार है कोई बड़ा हादसा होगा फिर कुम्भकर्णी नींद से जागेंगे, ज्ञात हो कि अभी हाल ही मे प्रभाग समिति फ़ अंतर्गत धानिव बाग मे वसई विरार मनपा की ही लापरवाही के चलते एक नन्ही परी की जान चली गई थी जिसके बावजूद वे कुंभकर्णी नींद मे सो रहे हैं। यदि इन्हें उक्त किसी भी विषय की जानकारी देने की कोशिश की जाती है तो ये अधिकारी फोन उठाने से भी कतराते है अथवा मो. नंबर को ही ब्लॉक कर देते है, ऐसे मे अब आम जनता व इनके बीच का सामंजस्य टूटता हुआ प्रतीत हो रहा है। वसई विरार मनपा के प्रभागीय कार्यालयों मे मनमाना कार्यभार चल रहा है। इसके अलावा मनपा मे आसीन मनपा आयुक्त भी लोगों के फोन उठाने से कतराते है, ऐसे मे सवाल उठता है कि आम जनता अपनी समस्या को लेकर जाएं तो कहां जाए..?? जब उसकी कोई सुननेवाला ही नही है। यदि समाचार पत्रों के माध्यम से भी मनपा अधिकारियों को जानकारी देने की कोशिश की जाती है तो भी ये अनजान ही बने होते है इन्हें कुछ पता नही होता। यदि शिकायत पत्र दिया जाय तो उसपर भी किसी प्रकार से कोई कार्यवाई नही की जाती है, ऐसे मे आम जनता के समक्ष एक जटिल समस्या खड़ी हो गई है। अब देखना यह है कि क्या आनेवाले समय मे इस जटिल समस्या का कोई हल निकलेगा या फिर वसई कर को राम भरोसे ही रहना पड़ेगा।
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