वसई-विरार में लगभग 35 साल से एक क्षत्र शासित बहुजन विकास आघाड़ी का किला हुआ ध्वस्त
वसई-विरार में लगभग 35 साल से एक क्षत्र शासित बहुजन विकास आघाड़ी का किला हुआ ध्वस्त
वसई , नालासोपारा और बोईसर विधानसभा सीटों पर हुई महायुति की ऐतिहासिक जीत
वसई विरार : पालघर जिले की वसई, नालासोपारा और बोईसर विधानसभा सीटों पर महायुति ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते वसई-विरार में लगभग 35 साल से एक क्षत्र राज करती आ रही बहुजन विकास आघाड़ी के किले को ध्वस्त कर दिया। महायुति की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे लाडली बहनों का साथ माना जा रहा है। फिलहाल वसई-विरार में जहां महायुति के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है,तो वहीं बहुजन विकास आघाड़ी के खेमे में सन्नाटा छाया हुआ है। बता दें कि सुबह आरंभ हुई मतगणना के शुरुआती दौर में वसई से कांग्रेस प्रत्याशी विजय पाटील का प्रदर्शन ठीक रहा। महा विकास आघाडी के विजय पाटील और बहुजन विकास आघाडी के प्रत्याशी हितेंद्र ठाकुर के बीच टक्कर दिखी, किंतु कुछ ही समय के अंतराल के बाद महायुति प्रत्याशी स्नेहा दुबे पंडित अपनी बढ़त बनाते हुए आगे निकल गईं और अंत में विजयी घोषित हुईं।
इसी तरह नालासोपारा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी राजन नाईक ने बहुजन विकास आघाडी के उम्मीदवार क्षितिज ठाकुर को चुनावी घमाशान में मात देते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उन्होंने बहुजन विकास आघाड़ी का गढ़ कहे जाने वाले नालासोपारा से विधायक क्षितिज ठाकुर को हराकर इतिहास रचा है। बोईसर विधानसभा से शिवसेना (शिंदे) के प्रत्याशी विलास तरे ने बहुजन विकास आघाडी के उम्मीदवार राजेश पाटील और शिवसेना (उद्धव) के प्रत्याशी डॉ. विश्वास वलवी के बीच हुए चुनावी महाभारत में भारी मतों से बढ़त बनाते हुए जीत दर्ज की। चुनाव से ठीक एक दिन पहले हुए विवांता होटल कैश कांड में बविआ के प्रत्याशी क्षितिज ठाकुर, हितेंद्र ठाकुर और कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा कर भाजपा महासचिव विनोद तावड़े, प्रत्याशी राजन नाईक और कार्यकर्ताओं पर नोट से वोट खरीदने के गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि जनता ने इन आरोपों को दरकिनार कर परिवर्तन का दामन थामते हुए महायुति के तीनों प्रत्याशियों को विजयी बनाया है। जीत के बाद राजन नाईक ने कहा कि हम किसी पर भी टिप्पणी नहीं करेंगे, सिर्फ नालासोपारा विरार का विकास ही हमारा ध्येय है। विवांता कैश कांड पर भावुक स्वर में नाइक ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को मारा गया। वरिष्ठ नेताओं को बेइज्जत कर अपशब्द कहे गए। हम पर पैसे बांटने के मिथ्या आरोप लगाए गए। हमारे मौन को जनता ने समझा और करारा जवाब दिया।
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