बोईसर में डयूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी के बदली पर मचा हलचल

बोईसर में डयूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी के बदली पर मचा हलचल

एक ईमानदार पुलिस अधिकारी को उसके ही पुलिस स्टेशन के पुलिस कर्मचारी के लापरवाही के कारण छोड़ना पड़ा पदभार.




प्रमोद तिवारी ( बोईसर ) : 

प्रदीप कस्बे, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थे , जो एक महान वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की वर्दी में नजर आए और तालाबंदी के दौरान हजारों श्रमिकों की उन्होंने मदद की।

पालघर में कोरोना महामारी गहराने के बाद भारत समेत दुनिया के कई देशों में तालाबंदी शुरू कर दी गई।  इसी तर्ज पर भारत में तालाबंदी की शुरुआत की गई थी।  इस अवधि के दौरान एशिया के सबसे बड़े बोईसर तारापुर औद्योगिक एस्टेट में कारखाने बंद होने और राज्य और विदेशों में हजारों श्रमिकों की आजीविका के नुकसान के कारण हजारों श्रमिक पलायन के कगार पर थे।  यह स्थानीय राजस्व प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी।  इसी तरह बोईसर थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप कस्बे दौड़े-दौड़े हजारों मजदूरों की मदद की । वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप कस्बे द्वारा दो वर्ष पूर्व बोईसर थाने का कार्यभार ग्रहण करने के बाद किसी भी प्रकार का  बोईसर थाने में कोई विरोध या आंदोलन नहीं हुआ, जिसका मुख्य कारण कंपनी प्रशासन और कंपनी के कर्मचारियों के बीच उचित समन्वय था।मजदूर वर्ग सम्मान कर रहा है प्रदीप कस्बे द्वारा किए गए परिवर्तन पर बोईसर थाने के अधिकार क्षेत्र में विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं लेकिन आज तक इन दो वर्षों में बोईसर थाने में कभी भी सांप्रदायिक विवाद की कोई घटना नहीं हुई।  राज्य में दूसरी बार लॉकडाउन शुरू होने के बाद बोईसर शहरों में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से स्थानीय स्वास्थ्य  व जिला स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।प्रदीप कस्बे को बोईसर के नागरिकों द्वारा रिश्तेदारों और मरीजों को विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले थाने के सब-इंस्पेक्टर धूमल को रिश्वतखोरी विभाग ने रंगेहाथ पकड़ा था, जिसमे प्रदीप कस्बे का किसी भी प्रकार का हाथ न होने की आशंका जताई जा रही है फिर भी तुरंत पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है जो कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था। नागरिक प्रदीप कस्बे को दोबारा बोईसर थाने का प्रभारी नियुक्त करने की मांग भी कर रहे हैं, लेकिन कस्बे ने कुछ नागरिकों से कहा है कि बोईसर थाने का दो साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनका तबादला दूसरी जगह कर दिया गया है.

 उल्लेख। उद्धरण -

 कस्बे साहब के बोईसर थाने का कार्यभार संभालने के बाद इतने बड़े औद्योगिक शहर में कानून-व्यवस्था कायम कर साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए बोईसर में सभी जातियों के लोगों को एक साथ लाया गया है। बोईसर में कोई जाति विवाद नहीं हुआ है। व्यवस्था सुचारू बनी हुई है।

 नीलम संखे (बोईसर शिवसेना विधानसभा मुख्य आयोजक )

 उल्लेख। उद्धरण -

   बोईसर थाना प्रभारी रहते हुए साहेब ने सभी राजनीतिक नेताओं को उचित मार्गदर्शन देकर सभी आम आदमी को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  उन्होंने अच्छे लोगों की मदद की है कार्यकर्ता और आम लोग भी उनकी सराहना करते है

भावेश चुरी ( मनसे पालघर उप-जिला अध्यक्ष )

उल्लेख। उद्धरण -

 बोईसर के इतने बड़े शहर में कानून-व्यवस्था का बखूबी पालन किया गया। उनकी छवि एक ईमादार अधिकारी के रूप में बनी हुई है 

अशोक वडे ( पालघर जिला उपाध्यक्ष भाजपा  )

उल्लेख। उद्धरण -

 प्रदीप कस्बे साहब कारखानों में कुछ कानून-व्यवस्था की समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते थे।कस्बे साहब ने हमेशा निर्माताओं का सहयोग किया है और हम उनके स्थानांतरण से दुखी हैं।

दिनेश शर्मा  (कारखाने के मालिक बोइसर)

उल्लेख। उद्धरण -

 बोईसर शहर में साहेब के कार्यकाल में जातिवाद कभी पैदा नहीं हुआ।चाहे हमारी ईद हो या अन्य त्योहार या फिर नवरात्र, गणपति, या हिंदू धर्म की त्योहार सब साहेब की मदद से पारित किए गए हैं।

बोईसर ग्रामीण

 जियाउल हक चौधरी




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